छठ त्योहार के अवसर पर डूबते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देने के लिए गंगा नदी के तट पर शाम को बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए।
सूर्यास्त से पहले परंपरागत रूप से ‘अर्घ्य’ अर्पित किया जाता है और कई परिवारों ने अपने आसपास के तालाबों में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया।
नगर में 27 अक्टूबर को हुए विस्फोट के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पिछले वर्ष अदालत घाट पर हुई भगदड़ जैसी घटनाओं से बचने के लिए कड़ी नजर रखे हुए थे। पिछले वर्ष भगदड़ में 23 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गोताखोरों और बचाव के लिए नावों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है।
पुलिस ने कहा कि गंगा नदी के तट पर 3000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं की सहायता के लिए सभी घाटों पर लाउडस्पीकर लगाए गए हैं।
राज्यपाल डीवाई पाटिल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घाटों पर प्रबंधों का जायजा लेने के लिए नाव से यात्रा की और लोगों से बात की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक अण्णे मार्ग पर काफी सादगी से छठ मनाया गया जहां उनकी भाभी और रिश्तेदारों ने स्वीमिंग पुल में ‘अर्घ्य’ दिया।
कुमार अपने परिवार के लोगों के साथ यह त्योहार मनाते हैं और पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को अपने आवास पर होने वाले समारोह से दूर ही रखते हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं