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देशभर में छठ पूजा की धूम: देश भर में  ₹38,000 करोड़ के व्यापार का है अनुमान 

पिछले साल यह आंकड़ा लगभग ₹31,000 करोड़ रुपये और 2023 में लगभग ₹27,000 करोड़ रुपये था, जिससे यह स्पष्ट है कि हर वर्ष छठ पर्व के व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है.

देशभर में छठ पूजा की धूम: देश भर में  ₹38,000 करोड़ के व्यापार का है अनुमान 
नई दिल्ली:

देशभर में चार दिवसीय सूर्य उपासना का महान पर्व छठ पूजा पूरे देश में आस्था, श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है. इस पर्व पर करीब 15 करोड़ श्रद्धालु महिलाएं एवं पुरुष पूरे देश में व्रत, स्नान, अर्घ्य और पूजा के पारंपरिक विधान में शामिल हो रहे हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार, इस वर्ष छठ पूजा के अवसर पर देशभर में लगभग ₹38,000 करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है.

पिछले साल यह आंकड़ा लगभग ₹31,000 करोड़ रुपये और 2023 में लगभग ₹27,000 करोड़ रुपये था, जिससे यह स्पष्ट है कि हर वर्ष छठ पर्व के व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. वहीं दिल्ली में छठ पूजा पर लगभग 6 हज़ार करोड़ से अधिक के व्यापार होने की उम्मीद है. 

देश के विभिन्न राज्य जहां छठ पूजा सबसे अधिक भव्यता से मनाई जाती है उसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र, विदर्भ, मध्य प्रदेश शामिल हैं. वहीं, इसके साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में कामकाज और रोजगार के लिए बसे पूर्वांचली समाज के लोग भी छठ पूजा में पूरी श्रद्धा से सम्मिलित होते हैं. इस वर्ष दिल्ली में भी छठ पूजा के विशेष प्रबंध किए गए हैं जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा लगभग 1500 घाटों का निर्माण किया गया है. 

दिल्ली के घाटों जैसे यमुना घाट,वासुदेव घाट, लाल बाग, मुनक नहर, कालिंदी कुंज, वज़ीराबाद, मजनूं का टीला, मुनक नहर,गीता कॉलोनी आदि पर लाखों श्रद्धालु पहुंचकर अर्घ्य अर्पित कर पूजा करेंगे. देशभर में नदी, तालाब और जलाशयों के किनारे छठ घाटों पर विशेष सजावट की गई है.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा दिल्ली चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल  के अनुसार छठ पूजा से संबंधित प्रमुख वस्तुओं में  सुप, दौरा, डलिया, मिट्टी के दीपक, बांस की टोकरी, सूप और सुथनी, फल विशेषकर केला, नारियल, सेब, गन्ना, नींबू, गेहूं और चावल का आटा, मिठाइयां, प्रसाद हेतु ठेकुआ और खजूर, पूजा सामग्री, साड़ी और पारंपरिक वस्त्र, सजावट सामग्री, दूध और घी, पूजा पात्र, टेंट व सजावट के सामान, ट्रांसपोर्ट एवं आतिथ्य सेवाएं शामिल हैं. वहीं, पारंपरिक परिधान जैसे साड़ियाँ, लहंगा-चुन्नी, सलवार-कुर्ता (महिलाओं के लिए) और कुर्ता-पायजामा, धोती (पुरुषों के लिए) की ख़रीदारी भी बड़े पैमाने पर हो रही है, जिससे स्थानीय व्यापारियों और लघु उद्योगों को सीधा लाभ मिल रहा है. साथ ही, हस्तनिर्मित स्वदेशी वस्तुएं भी बड़ी मात्रा में बिक रही हैं.

दिल्ली, जहां बड़ी संख्या में पूर्वांचली समुदाय निवास करता है, में छठ पूजा अत्यंत धूमधाम से मनाई जा रही है. शहर के प्रमुख बाजार चांदनी चौक, सदर बाजार, मॉडल टाउन, अशोक विहार, शालीमार बाग, पीतमपुरा, हैदरपुर, रानी बाग, उत्तम नगर, पश्चिम विहार, तिलक नगर, लक्ष्मी नगर, प्रीत विहार, शाहदरा, बुराड़ी, नरेला, कालकाजी, तुग़लक़ाबाद, लाजपतनगर, सरोजिनी नगर, आदि में आज भारी भीड़ देखी जा रही है. श्रद्धालु पारंपरिक छठ पूजा सामग्री की ख़रीदारी में व्यस्त हैं.

खंडेलवाल ने कहा कि छठ पूजा केवल धार्मिक पर्व नहीं, स्थानीय उत्पादकों को सीधा लाभ पहुंचाता है. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल' और ‘आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को बल मिलता है.उन्होंने कहा कि छठ पूजा में उपयोग की जाने वाली अधिकांश वस्तुएँ स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा निर्मित होती हैं, जिससे रोज़गार के नए अवसर पैदा होते हैं और देश के कुटीर उद्योग को मज़बूती मिलती है।

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