दिल्ली पुलिस जल्द ही जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य तथा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह के मामले में आरोप पत्र दाखिल करेगी. दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को जेएनयू परिसर में कथित रूप से संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में कथित रूप से कार्यक्रम करने को लेकर 2016 में देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.
मोदी सरकार भय का वातावरण बना रही है: प्रशांत भूषण
विपक्ष ने पुलिस पर सत्तारुढ़ भाजपा की शह पर काम करने का आरोप लगाया था. पटनायक ने कहा, "मामला अंतिम चरण में है. इसकी जांच पेचीदा थी क्योंकि पुलिस टीमों को बयान लेने के लिये अन्य राज्यों का दौरा करना पड़ा था. आरोप पत्र जल्द दायर किया जाएगा" जेएनयू के इस विवादस्पद कार्यक्रम से लोगों में नाराजगी फैली थी. आरोप लगे थे कि कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गये.
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इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता और वकील प्रशांत भूषण ने भाजपा सरकार पर देश में भय का वातावरण बनाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. जेएनयू के छात्र उमर खालिद पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा किए गए कथित हमले के कुछ मिनट बाद खौफ से आजादी कार्यक्रम में बोलते हुए भूषण ने कहा था कि यह भय पैदा करने के लिए किया गया ताकि कोई भी सरकार के खिलाफ आवाज न उठाए.
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उन्होंने कहा था कि सरकार के खिलाफ बोलने की वजह से उमर खालिद और कन्हैया कुमार जैसे लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. और इन्हें देशद्रोही और नक्सली कहा जा रहा है.
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