कश्मीर घाटी में बीते डेढ़ महीने से ज्यादा समय से भले ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद हो लेकिन मोबाइल कंपनियां यहां लोगों को बिल जरूर दे रही हैं. घाटी में रहने वाले कई लोगों को कहना है कि उन्हें बंद पड़ी सेवाओं को लिए भी बिल भेजा जा रहा है. सफाकदल के निवासी ओबैद नबी ने कहा कि पांच अगस्त से कश्मीर में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं काम नहीं कर रही हैं , लेकिन फिर भी एयरटेल की ओर से 779 रुपये का बिल दिया गया है. मैं यह समझ नहीं पर रहा हूं कि हम शुल्क क्यों लगाया जा रहा है. वहीं , बीएसएनएल का कनेक्शन इस्तेमाल करने वाले मोहम्मद उमर ने कहा कि उनका महीने का मोबाइल बिल करीब 380 रुपये आता था , लेकिन वह जिस दौरान सेवाएं बंद है उस समय के लिए बिल आने से हैरान हूं. उसने कहा कि पिछले महीने के लिए मुझे 470 रुपये का बिल भेजा गया है.
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हैरानी करने वाली बात यह है कि पिछले डेढ महीने से फोन सेवाएं काम नहीं कर रही हैं. कई ग्राहकों ने कहा कि वे उम्मीद कर रहे थे कि दूरसंचार बंद होने के कारण इस अवधि के लिए उनका शुल्क (बिल) माफ कर दिया जाएगा क्योंकि कश्मीर में 2016 के आंदोलन और 2014 की बाढ़ के बाद भी ऐसा किया गया था. इस संबंध में भेजे गए ई - मेल का जवाब भारती एयरटेल ने नहीं दिया है. वहीं, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो ने भी कोई जवाब नहीं दिया है. बीएसएनएल के चेयरमैन पी . के पुरवार ने बताया कि यह छूट 3,000 मामलों को छोड़कर सभी में लागू की गई है. विशिष्ट मामलों में भी जब ग्राहक बिल का भुगतान करने के लिए आएगा तो उसे छूट दी जाएगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं