राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को कहा कि बजट में पूंजीगत लाभ कर की दरों में प्रस्तावित बदलाव से सरकारी खजाने को 15,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलने का अनुमान है.
दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर के लिए सूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों को एक वर्ष से अधिक समय तक जबकि असूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों तथा सभी गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों को कम से कम दो वर्षों तक रखना होगा.
सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार कराधान व्यवस्था को सरल बनाना चाहती है. सीतारमण ने कहा, ‘‘ औसत कराधान घटकर 12.5 प्रतिशत रह गया है... हम इसे न्यूनतम स्तर पर ले आए हैं जिससे बाजार में निवेश को बढ़ावा मिला है.''
मल्होत्रा ने कहा कि पूंजीगत लाभ कर में मामूली वृद्धि से 15,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल होगा. वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा कि बजट ने पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को ‘‘बेहद सरल'' बना दिया है.
वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में प्रस्तावित वृद्धि के संबंध में मल्होत्रा ने कहा कि यह एक अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगा.
बजट में प्रतिभूतियों में विकल्प की बिक्री पर एसटीटी की दर को विकल्प प्रीमियम के 0.0625 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत करने और प्रतिभूतियों में वायदा की बिक्री पर एसटीटी की दर को ऐसे वायदा कारोबार की कीमत के 0.0125 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है.
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