कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार वैसे लोग जिन्होंने उनका विरोध किया है कि जासूसी करने के लिए नए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही है. साथ ही भारत की राजनीतिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी की सरकार ने पहले कैंब्रिज एनालिटिका (सीए), फिर पेगासस, फिर "टीम जॉर्ज" के नेतृत्व में इजरायली कॉन्ट्रैक्ट हैकर्स का इस्तेमाल किया और अब ये "भारतीय राजनीतिक प्रणाली और लोकतंत्र में दखल" के लिए एक नए स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर रही है."
उन्होंने कहा, " पेगासस, कैम्ब्रिज एनालिटिका और हाल ही में सामने आई 'टीम जॉर्ज' की तरह मोदी सरकार ने अब लोगों और संस्थानों की जासूसी और निगरानी के लिए एक नया स्पाईवेयर खरीदा है? इन संस्थानों में विपक्षी दल, एनजीओ, मीडिया हाउस, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं, न्यायपालिका, चुनाव आयोग और हर दूसरे संस्थान जो लोकतंत्र की रक्षा करते हैं शामिल हैं."
उन्होंने कहा, "अगर मोदी जी संस्थानों की जासूसी और निगरानी करने के लिए मैलवेयर और स्पाईवेयर पर इतना खर्च कर रहे हैं - तो वह देश को यह क्यों नहीं बता सकते कि अडानी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं."
उन्होंने पूछा, "क्या बीजेपी सरकार ने 2019 के आम चुनावों के लिए पेगासस के माध्यम से सत्ता में आने के लिए अपने नागरिकों और राजनीतिक नेताओं की जासूसी नहीं की थी, और अब 2024 के आम चुनावों के लिए एक और स्पाईवेयर का उपयोग करके इसे दोहराने का लक्ष्य है?"
खेड़ा ने पूछा, "भारत सरकार में किसने अवैध स्पाइवेयर - 'पेगासस' को इजरायली कंपनी एनएसओ से खरीदा और तैनात किया और भारत सरकार में किसने इस नए स्पाईवेयर के लिए विचार-विमर्श शुरू किया है?"
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