प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
केन्द्र सरकार ने देश के पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित किये जाने की अवधि को छह महीने के लिये और बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय की ओर से पिछले 30 दिसंबर को जारी अधिसूचना के तहत नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित करने की अवधि को इस साल जून तक के लिये बढ़ाया गया है.
अधिसूचना के मुताबिक, सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 (अफ्सपा) के तहत सम्पूर्ण नगालैंड राज्य को एक जनवरी से 30 जून तक के लिये अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है. इसके तहत सुरक्षा बलों को पूरे राज्य में कहीं भी अभियान चलाने और किसी को भी पूर्व नोटिस के बिना गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाता है.
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अधिसूचना में नगालैंड की सीमा के भीतर आने वाले सम्पूर्ण क्षेत्र में अशांत और खतरनाक स्थिति का हवाला देते हुये पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है. इससे पहले गत वर्ष 30 जून को जारी अधिसूचना में छह महीने के लिये नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था. इसकी समय सीमा 30 दिसंबर को खत्म हो गयी.
अधिसूचना के मुताबिक, केन्द्र सरकार का यह मत है कि सम्पूर्ण नगालैंड राज्य की सीमा के भीतर आने वाला क्षेत्र ऐसी अशांत और खतरनाक स्थिति में है जिससे वहां नागरिक प्रशासन की सहायता के लिये सशस्त्र बलों का प्रयोग करना आवश्यक है. इसके मद्देनजर मंत्रालय ने इस अवधि को बढ़ाया है.
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नगालैंड में अफ्सपा पिछले कई दशक से लागू है. यहां तक कि नगा उग्रवादी संगठन एनएससीएन आईएम के महासचिव टी मुइवा और सरकार के वार्ताकार आर एन रवि के बीच शांति समझौते के सहमति पत्र पर तीन अगस्त 2015 को हस्ताक्षर होने के बावजूद अफ्सपा नहीं हटाया गया था.
VIDEO: नगालैंड : महिला आरक्षण के विरोध में हिंसक प्रदर्शन (इनपुट भाषा से)
अधिसूचना के मुताबिक, सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 (अफ्सपा) के तहत सम्पूर्ण नगालैंड राज्य को एक जनवरी से 30 जून तक के लिये अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है. इसके तहत सुरक्षा बलों को पूरे राज्य में कहीं भी अभियान चलाने और किसी को भी पूर्व नोटिस के बिना गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाता है.
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अधिसूचना में नगालैंड की सीमा के भीतर आने वाले सम्पूर्ण क्षेत्र में अशांत और खतरनाक स्थिति का हवाला देते हुये पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है. इससे पहले गत वर्ष 30 जून को जारी अधिसूचना में छह महीने के लिये नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था. इसकी समय सीमा 30 दिसंबर को खत्म हो गयी.
अधिसूचना के मुताबिक, केन्द्र सरकार का यह मत है कि सम्पूर्ण नगालैंड राज्य की सीमा के भीतर आने वाला क्षेत्र ऐसी अशांत और खतरनाक स्थिति में है जिससे वहां नागरिक प्रशासन की सहायता के लिये सशस्त्र बलों का प्रयोग करना आवश्यक है. इसके मद्देनजर मंत्रालय ने इस अवधि को बढ़ाया है.
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नगालैंड में अफ्सपा पिछले कई दशक से लागू है. यहां तक कि नगा उग्रवादी संगठन एनएससीएन आईएम के महासचिव टी मुइवा और सरकार के वार्ताकार आर एन रवि के बीच शांति समझौते के सहमति पत्र पर तीन अगस्त 2015 को हस्ताक्षर होने के बावजूद अफ्सपा नहीं हटाया गया था.
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