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This Article is From Nov 09, 2022

''देखो कैसा नट रहा है, अपनी बोली हुई बात से ही हट रहा है'': दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर मीनाक्षी लेखी

मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पंजाब की सरकार को पहले अरविंद केजरीवाल प्रदूषण के लिए ब्लेम किया जाता अब पंजाब इनके पास आया तो पराली की घटना बढ़ी है. 10 स्मॉग टावर बनाने का वादा किया था मगर बना एक.

''देखो कैसा नट रहा है, अपनी बोली हुई बात से ही हट रहा है'': दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर मीनाक्षी लेखी
दिल्ली के प्रदूषण पर मीनाक्षी लेखी ने आज अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला.
नई दिल्ली:

दिल्ली के प्रदूषण पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला. मीनाक्षी लेखी ने बिना किसी का नाम लिए पूछा, ''काम मत कर, काम का जिक्र कर, काम का फिक्र कर, पर काम मत कर, मत कर, मत कर... ये किस पर लागू होता है?'' मीनाक्षी लेखी अरविंद केजरीवाल पर एक ट्वीट भी किया है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में 1286.93 करोड़ पर्यावरण उपकर (environment cess) के रूप में 7 साल में इक्कठा हुआ. इसमें से स्मॉग (Smog) टावर के मेंटेनेंस पर 80 लाख रु हर महीने खर्च हो रहा है और वो भी काम नहीं कर रहा. आरटीआई (RTI) से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक environment cess से पिछले 7 साल में करीब 1287 करोड़ इकट्ठा हुए और खर्च उसमें से 2015-16 में 272 करोड़ हुए. इसमें से 265 करोड़ सिर्फ एक प्रोजेक्ट रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर खर्च किया गया. बाकी बचे रुपये खर्च नहीं हुए. जबकि सभी को पता है कि environment cess का पैसा सिर्फ एनवायरनमेंट के मसले पर ही खर्च हो सकता है, बाकी किसी मद में नहीं. 

मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पंजाब की सरकार को पहले अरविंद केजरीवाल प्रदूषण के लिए ब्लेम किया जाता अब पंजाब इनके पास आया तो पराली की घटना बढ़ी है. 10 स्मॉग टावर बनाने का वादा किया था मगर बना एक. वो भी काम नहीं कर रहा. दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर करने के लिए केजरीवाल ने कोई काम नहीं किया.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने ईस्टर्न वेस्टर्न हाईवे बनाकर दिया. दिल्ली को पार्ट टाइम सीएम की जरूरत नहीं, अरविंद केजरीवाल पार्ट टाइम सीएम हैं. कूड़े के निस्तारण के लिए दिल्ली सरकार ने पैसा आवंटित नहीं किया. केजरीवाल ने पराली के विज्ञापन पर 23 करोड़ रुपये खर्च कर दिए लेकिन पराली की रोकथाम के लिए जमीन पर महज 3 लाख रुपये खर्च किया. केजरीवाल सरकार के कथनी और करनी का जो फर्क है,  उसका भुगतान जनता कर रही है. सबसे ज्यादा प्रदूषणकर्ता दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हैं.

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