कोरोनावायरस के मौजूदा कहर के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को तीन महीने के लिए 17 मेडिकल उपकरणों के आयात को मंज़ूरी दे दी है, कस्टम क्लियरेंस के बाद और बिक्री से पहले लीगल मेट्रोलॉजी नियम, 2011 के अंतर्गत डिक्लेरेशन करना अनिवार्य होगा.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर इस समाचार की पुष्टि की है.
पीयूष गोयल ने ट्वीट में लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने मेडिकल डिवाइस आयातकों को कस्टम क्लियरेंस के बाद और बिक्री से पहले लीगल मेट्रोलॉजी नियम, 2011 के अंतर्गत आवश्यक अनिवार्य डिक्लेरेशन की अनुमति दी है... इससे COVID-19 से जंग में ज़रूरी मेडिकल डिवाइसों की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी..."
उपभोक्ता मामलों, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा था, "COVID-19 की महामारी को ध्यान में रखते हुए और मेडिकल उपकरणों की मांग को पूरा करने के लिए लीगल मेट्रोलॉजी नियम, 2011 के नियम 33 (1) तथा नियम 6 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार मेडिकल उपकरण आयातकों को एडवाइज़ारी जारी होने से तीन माह तक के लिए मेडिकल उपकरणों के आयात की अनुमति देती है, बशर्ते आयातक इन नियमों के अंतर्गत आवश्यक सभी घोषणाएं आयात अथवा कस्टम क्लियरेंस के तुरंत बाद और बिक्री से पहले स्टिकर लगाकर या स्टैम्प लगाकर या ऑनलाइन प्रिंटिंग कर करें..."
बयान के अनुसार, 17 मेडिकल उपकरणों को अनुमति दी गई है, जिनमें नेबुलाइज़र, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर, CPAP उपकरण, ऑक्सीजन कैनिस्टर, ऑक्सीजन जेनरेटर तथा वेन्टिलेटर शामिल हैं.
मंत्रालय के बयान के मुताबिक, आयातक, जो इन मेडिकल उपकरणों का आयात कर रहा है, को सभी आयातित सामग्री और उसकी क्वालिटी की जानकारी राज्य में निदेशक (लीगल मेट्रोलॉजी) तथा नियंत्रक (लीगल मेट्रोलॉजी) को देगा, जहां आयात किया गया है.
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