केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रशाषित प्रदेशों में अधिकार को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है. ( फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने दिल्ली और पुदुचेरी में निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर बार-बार उभर रहे विवाद में दखल देते हुए एक बार फिर से कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया है. केंद्र सरकार ने दिल्ली में आये दिन केजरीवाल सरकार और पुदुचेरी में नारायणसामी सरकार के एलजी के साथ क्षेत्राधिकार के टकराव पर दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले फैसले के हवाले से केंद्र शासित राज्यों में एलजी को ही सरकारी कामकाज में सर्वाधिकार संपन्न बताया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ताजा विवाद पुडुचेरी में उपराज्यपाल किरण बेदी और नारायणसामी सरकार के बीच विवाद पैदा होने पर स्पष्टीकरण जारी किया है. नारायणसामी ने हाल ही में बेदी की कार्यशैली को अतिसक्रियता और एक निर्वाचित सरकार के कामकाज में गैरजरूरी दखल देने वाला बताते हुए केंद्र सरकार से रुख साफ करने को कहा था.
सरकार और एलजी के बीच टकराव के दौरान विधानसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने तक की नौबत आने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार के मामले में दिल्ली उच्च न्यायलय के फैसले के आधार पर कहा है कि केंद्र शासित राज्य में एलजी पूर्ण राज्य की तर्ज पर निर्वाचित सरकार के परामर्श पर काम करने को बाध्य नहीं है. मंत्रालय ने हाल ही में नारायणसामी द्वारा बेदी की शिकायत किये जाने के दौरान उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र को लेकर पूछे गए सात सवालों के जवाब में यह बात स्पष्ट की है. मंत्रालय ने कहा है कि सरकार के सामान्य कामकाज में उन मामलों पर भी उपराज्यपाल को सरकार से दस्तावेज तलब करने का अधिकार है जिन कामों की जिम्मेदारी सीधे तौर पर मंत्रियों की है.
नारायणसामी ने पूछा था कि क्या उपराज्यपाल को सामान्य कामकाज में भी मंत्री के मातहत आने वाले किसी काम की फाइल या कागजात तलब करने का अधिकार है .इसके जवाब में मंत्रालय ने अदालती फैसले के आधार पर कहा कि एलजी किसी भी विषय पर न सिर्फ समूची फाइल बल्कि कुछ चुनिंदा कागजात भी तालाब कर सकता है. मंत्रालय ने एलजी द्वारा राज्य सरकार के मातहत तैनात अधिकारियो से सीधे संवाद कायम करने के अधिकार के सवाल पर कहा है कि तत्काल ध्यान दिए जाने योग्य जनहित के मामलों में एलजी सरकार को माध्यम बनाये बिना सम्बद्ध अधिकारियों से सीधे संपर्क कर सकता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ताजा विवाद पुडुचेरी में उपराज्यपाल किरण बेदी और नारायणसामी सरकार के बीच विवाद पैदा होने पर स्पष्टीकरण जारी किया है. नारायणसामी ने हाल ही में बेदी की कार्यशैली को अतिसक्रियता और एक निर्वाचित सरकार के कामकाज में गैरजरूरी दखल देने वाला बताते हुए केंद्र सरकार से रुख साफ करने को कहा था.
सरकार और एलजी के बीच टकराव के दौरान विधानसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने तक की नौबत आने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार के मामले में दिल्ली उच्च न्यायलय के फैसले के आधार पर कहा है कि केंद्र शासित राज्य में एलजी पूर्ण राज्य की तर्ज पर निर्वाचित सरकार के परामर्श पर काम करने को बाध्य नहीं है. मंत्रालय ने हाल ही में नारायणसामी द्वारा बेदी की शिकायत किये जाने के दौरान उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र को लेकर पूछे गए सात सवालों के जवाब में यह बात स्पष्ट की है. मंत्रालय ने कहा है कि सरकार के सामान्य कामकाज में उन मामलों पर भी उपराज्यपाल को सरकार से दस्तावेज तलब करने का अधिकार है जिन कामों की जिम्मेदारी सीधे तौर पर मंत्रियों की है.
नारायणसामी ने पूछा था कि क्या उपराज्यपाल को सामान्य कामकाज में भी मंत्री के मातहत आने वाले किसी काम की फाइल या कागजात तलब करने का अधिकार है .इसके जवाब में मंत्रालय ने अदालती फैसले के आधार पर कहा कि एलजी किसी भी विषय पर न सिर्फ समूची फाइल बल्कि कुछ चुनिंदा कागजात भी तालाब कर सकता है. मंत्रालय ने एलजी द्वारा राज्य सरकार के मातहत तैनात अधिकारियो से सीधे संवाद कायम करने के अधिकार के सवाल पर कहा है कि तत्काल ध्यान दिए जाने योग्य जनहित के मामलों में एलजी सरकार को माध्यम बनाये बिना सम्बद्ध अधिकारियों से सीधे संपर्क कर सकता है.
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