केंद्र ने तेलंगाना के विधायक रमेश चेन्नामनेनी की नागरिकता रद्द कर दी है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने इस बात की जानकारी दी है. केंद्र ने कहा कि विधायक एक जर्मन नागरिक हैं और उन्होंने धोखे से भारतीय नागरिकता प्राप्त की है. केंद्र ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्य चेन्नामनेनी ने अपने विदेश दौरे के बारे में तथ्य छुपाए हैं.
गृह मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया है "उनके गलतबयानी / तथ्य को छुपाने की वजह से भारत सरकार शुरू में अपना निर्णय लेने में गुमराह हुई. अगर उन्होंने आवेदन करने से पहले इस तथ्य का खुलासा किया होता कि वे एक साल से भारत में नहीं रह रहे थे तो मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी ने उन्हें नागरिकता की अनुमति नहीं देते."
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सक्षम प्राधिकारी ने माना है कि यह सार्वजनिक रूप से अच्छा नहीं है कि चेन्नामनेनी भारत के नागरिक बने रहें और इसलिए फैसला किया गया है कि उनकी नागरिकता समाप्त कर दी जाए.
आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए चेन्नामनेनी ने कहा, ''तेलंगाना हाई कोर्ट ने पहले एक सकारात्मक निर्णय दिया था लेकिन गृह मंत्रालय ने इस पर विचार नहीं किया और फिर से नागरिकता रद्द कर दी. इसलिए, हम नागरिकता की सुरक्षा के लिए फिर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे." उन्होंने दावा किया कि मंत्रालय से अनुकूल निर्णय न हो पाने की स्थिति में उन्हें इस मामले पर कोर्ट ने फिर से विचार करने का विकल्प दिया है.
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रमेश चेन्नामनेनी वेमुलावाड़ा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो राज्य की राजधानी हैदराबाद से लगभग 150 किलोमीटर दूर है. 2009 में चेन्नामनेनी एन. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) से पहली बार विधायक चुने गए थे. बाद में वे के. चंद्रशेखर राव की टीआरएस में शामिल हो गए और 2010 में उपचुनाव में फिर से चुने गए. इसके बाद 2014 और 2018 के विधानसभा में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी.
(इनपुट-एजेंसी)
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