- केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने सितंबर माह में 112 दवाओं के नमूने मानक गुणवत्ता से कम पाए हैं.
- जांच में छत्तीसगढ़ से मिली एक दवा नकली निकली जो अनधिकृत निर्माता द्वारा बनाई गई थी और कार्रवाई जारी है.
- दवाओं को नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी तब माना जाता है जब वे गुणवत्ता के निर्धारित मानकों पर फेल हो जाती हैं.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सितंबर महीने “ड्रग अलर्ट” जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, 112 दवाओं के नमूने मानक गुणवत्ता से कम (NSQ) पाए गए. वहीं, 1 दवा का नमूना नकली (स्प्यूरीयस) निकला है.
एनएसक्यू किसे कहते हैं?
सीडीएससीओ ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि केंद्रीय प्रयोगशालाओं में 52 नमूने और राज्य प्रयोगशालाओं में 60 नमूने मानक के अनुरूप नहीं मिले हैं. अधिकारियों ने बताया कि दवा को "नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी" यानी एनएसक्यू तभी माना जाता है जब वह गुणवत्ता के किसी तय मानक पर फेल हो जाती है. यह जांच विशेष बैच पर होती है. किसी एक बैच के फेल होने का मतलब यह नहीं होता कि उस दवा के बाकी सभी बैच या बाजार में उपलब्ध दवा भी खराब हैं.
जांच में एक दवा मिली नकली
सीडीएससीओ ने बताया कि छत्तीसगढ़ से मिली एक दवा नकली पाई गई. यह एक अनधिकृत निर्माता ने किसी और कंपनी के नाम से बनाई थी. इस पर जांच और नियम के अनुसार कार्रवाई चल रही है.
हर महीने दवा की होती है जांच
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हर महीने राज्यों की मदद से ऐसे ही दवा के नमूने लिए जाते हैं. जांच में मानक से कम या फर्जी दवा मिलने पर उसे तुरंत बाजार से हटाया जाता है. मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि दवाएं केवल लाइसेंस वाले मेडिकल स्टोर या मान्यता प्राप्त अस्पतालों से ही खरीदें. पैकिंग या लेबल में कुछ गड़बड़ दिखे तो तुरंत स्थानीय औषधि नियंत्रण अधिकारी को बताएं.
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