केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने ‘डमी' छात्रों के दाखिले का पता लगाने के लिए दिल्ली, बेंगलुरु, वाराणसी, बिहार, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 29 स्कूलों में औचक निरीक्षण किया. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. बोर्ड के सचिव हिमांशु गुप्ता के अनुसार, सीबीएसई के एक अधिकारी और एक संबद्ध स्कूल के प्राधानाचार्य वाली कुल 29 टीम ने निरीक्षण किया. ये निरीक्षण बुधवार और बृहस्पतिवार को किए गए.
गुप्ता ने कहा, ‘‘निरीक्षण किए गए अधिकांश स्कूलों को बोर्ड के संबद्धता उपनियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया, क्योंकि उन्होंने छात्रों की वास्तविक हाजिरी के रिकॉर्ड से अधिक छात्रों को नामांकित किया. इसके अतिरिक्त, स्कूलों में बोर्ड के बुनियादी ढांचे के मानदंडों का उल्लंघन भी पाया गया.''
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीएसई ने इन उल्लंघनों को गंभीरता से लिया है और ऐसे स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में है. बोर्ड दोषी संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहा है.''
सीबीएसई के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों में से 18 राष्ट्रीय राजधानी में हैं, जबकि वाराणसी में तीन, बेंगलुरु, पटना, अहमदाबाद, बिलासपुर और छत्तीसगढ़ में दो-दो स्कूल हैं.
इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बहुत से छात्र ‘डमी' के तौर पर दाखिला लेना पसंद करते हैं, ताकि वे पूरी तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकें. वे कक्षाओं में उपस्थित नहीं होते और सीधे बोर्ड परीक्षा में शामिल हो जाते हैं.
मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों में कुछ राज्यों के छात्रों के लिए उपलब्ध कोटे को ध्यान में रखते हुए भी छात्र संबंधित स्थानों पर स्कूल चुनते हैं. उदाहरण के लिए, दिल्ली में 11वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को दिल्ली राज्य के कोटे के तहत राष्ट्रीय राजधानी के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए तरजीह मिलती है.
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