बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाल यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनकी बेटी के खिलाफ सीबीआई ने भर्तियों में कथित अनियमितताओं के लिए नए सिरे से केस दर्ज किया है. भ्रष्टाचार के इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीबीआई की टीम आज पटना में लालू आवास (राबड़ी देवी आवास) समेत उनके 15 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. इस छापे मारी पर RJD नेता शिवानंद तिवारी का बयान आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी के आवास सहित लालू यादव से जुड़े अन्य ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी तो नहीं है. जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती हुई नज़दीकी भाजपा को असहज कर रही है! छापेमारी के समय का चयन तो इसी ओर इशारा कर रहा है.
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शिवानंद तिवारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जातीय जनगणना के विरुद्ध है. जातीय जनगणना से ये सामने आ जाएगा कि किस जाति के लोग कितनी संख्या में हैं. उसके अनुपात में देश के संसाधनों का कौन कितना उपभोग कर रहा है. ये जानकारी बहुसंख्यक आबादी जो वंचित है, उसमें साधनों के बंटवारे की सशक्त और वैध मांग उठ सकती है. अन्यथा इतने पुराने मामले में अब तक नींद में सोई सीबीआई अचानक कैसे जाग गई ! वह भी जब नीतीश कुमार जातीय जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने जा रहे हैं. लेकिन ऐसी कार्रवाई के द्वारा सच को कब तक दबा कर रखा जा सकता है ?
लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में जमानत पर बाहर आए हैं. वहीं जिस मामले में सीबीआई की ओर से अब छापेमारी की गई है वो उस समय का जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील सरकार में रेल मंत्री थे.
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