राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने NEET पेपर मामले से जुड़े गंगाधर गुंडे को शुक्रवार को जमानत दे दी. गंगाधर के वकील ने दावा किया था कि उसे महाराष्ट्र के लातूर से जुड़े एनईईटी पेपर मामले में गलत पहचान के कारण सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने आरोपी गुंडे को 26 जून को देहरादून से गिरफ्तार किया था. यह मामला सबसे पहले लातूर पुलिस ने शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया था. बाद में एफआईआर को सीबीआई ने अपने कब्जे में ले लिया.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अंकित सिंगला ने सीबीआई और आरोपी के वकील की दलीलें सुनने के बाद गंगाधर गुंडे को जमानत दे दी. राउज़ एवेन्यू अदालत ने शुक्रवार को गंगाधर गुंडे नाम के व्यक्ति को जमानत दे दी, जिसके वकील ने दावा किया था कि उसे महाराष्ट्र के लातूर से जुड़े एनईईटी पेपर मामले में गलत पहचान के कारण सीबीआई ने गलत तरीके से गिरफ्तार किया था.
सिर्फ नाम के आधार पर गिरफ्तार किया
गंगाधर गुंडे के वकील कैलाश मोरे ने कोर्ट को बताया कि , "गंगाधर गुंडे को केवल नाम के आधार पर अरेस्ट किया गया है. वकील ने बताया कि इस केस से गंगाधर गुंडे का कोई कनेक्शन नहीं है. मूल आरोपी का नाम में समानता के कारण सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. वकील ने कोर्ट में दलील दी कि जिसकी तलाश सीबीआई को थी, उसका नाम अप्पा नंजुथप्पा है.
असली आरोपी हुआ गिरफ्तार
सीबीआई ने अप्पा नंजुथप्पा को भी गिरफ्तार कर लिया है. एन गंगाधर अप्पा नंजुथप्पा को बेंगलुरु में गिरफ्तार कर लिया गया है.वकील मोरे ने यह भी कहा कि गंगाधर गुंडे का नाम जांच के दौरान सामने आया क्योंकि वह 2 अक्टूबर को संजय तुकाराम जाधव से मिले थे.
वैवाहिक विवाद के कारण गंगाधर से हुई मुलाकात
गुंडे ने उस्मानाबाद में अपनी बेटी के ससुराल में उसके वैवाहिक विवाद के बारे में उनसे मुलाकात की. वहां गुंडे और जाधव ने अपने मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान किया. जमानत याचिका में कहा गया है कि गुंडे ने 3 अक्टूबर को जाधव को फोन किया.
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