CBI अदालत ने अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका खारिज की, हिरासत 24 अगस्त तक बढ़ाई

सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने कथित पशु तस्करी घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी और केंद्रीय एजेंसी के लिए उनकी हिरासत 24 अगस्त तक बढ़ा दी.

CBI अदालत ने अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका खारिज की, हिरासत 24 अगस्त तक बढ़ाई

सीबीआई अधिकारियों ने दावा किया है कि मंडल पूछताछ में कभी सहयोग नहीं करते. 

आसनसोल :

सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने कथित पशु तस्करी घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी और केंद्रीय एजेंसी के लिए उनकी हिरासत 24 अगस्त तक बढ़ा दी. मंडल को ‘‘बहुत शक्तिशाली और अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति'' बताते हुए सीबीआई ने टीएमसी नेता की हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह ‘‘जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.'टीएमसी के बीरभूम जिला अध्यक्ष मंडल के वकील ने उनकी ‘‘स्वास्थ्य स्थिति'' का हवाला देते हुए जमानत का अनुरोध किया. उनके वकील ने यह भी दावा किया कि सीबीआई के अधिकारियों को मिली सावधि जमा राशि में वह धन है जो मंडल को अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद जीवन बीमा योजनाओं से मिला था. सीबीआई के वकील ने कहा कि 10 बार समन जारी होने के बावजूद मंडल का ‘शुरू से ही असहयोगी रवैया रहा है.' वकील ने यह भी दावा किया कि मंडल ने एक डॉक्टर पर पर्चे में ‘‘पूरी तरह आराम करने'' की सलाह लिखने लिए भी दबाव डाला था.

सीबीआई के वकील ने अदालत में कहा, ‘‘श्री मंडल का राज्य सरकार से अच्छा तालमेल है. उन्होंने अपने अंगरक्षक सैगल हुसैन को मध्यस्थ के तौर पर इस्तेमाल किया. वह इनामुल हक से पैसे लेता था. यह सारा धंधा किसी एक आदमी का नहीं, बल्कि एक श्रृंखला है. इसके पीछे साजिश है. अनुब्रत मंडल (Anubrata Mandal) की अहम भूमिका है. इसलिए उन्हें सीबीआई की हिरासत में होना चाहिए.'' विशेष अदालत, आसनसोल में दाखिल एक पूर्व आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि हक इस अवैध व्यापार का आयोजक था और अन्य लोगों द्वारा उनकी सहायता की गई थी. सीबीआई ने मंडल को बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित उनके घर से 11 अगस्त को कथित पशु तस्करी घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.

इससे पहले दिन में, मंडल ने केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह पशु तस्करी घोटाले की जांच में सीबीआई के साथ सहयोग कर रहे हैं. मंडल ने सीबीआई के कोलकाता कार्यालय से निकलने के दौरान जांच एजेंसी के उन दावों को भी खारिज कर दिया कि उनकी कई करोड़ रुपये की संपत्ति अलग-अलग नामों से दर्ज है. मंडल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने हमेशा सीबीआई अधिकारियों के साथ सहयोग किया है. मेरे पास किसी अन्य नाम से कोई संपत्ति पंजीकृत नहीं है.''

सीबीआई अधिकारियों ने दावा किया है कि जब भी मंडल से पूछताछ की जाती है, वह उनके साथ सहयोग नहीं करते हैं. विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व में मंडल को 20 अगस्त तक हिरासत में रखने का आदेश दिया था. इस बीच, सीबीआई के अधिकारियों को एक चावल मिल के परिसर में शुक्रवार को छापेमारी में छह वाहन मिले. जांच अधिकारी मिल परिसर के अंदर खड़े महंगे वाहनों के स्वामित्व की जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वाहनों का इस्तेमाल पशु तस्करी गतिविधियों में किया गया. सीबीआई ने कहा था कि कथित मवेशी तस्करी घोटाले की जांच के तहत बोलपुर में मंडल के स्वामित्व वाली एक चावल मिल में छापेमारी की गई थी.

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