असम में राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज किए मामले को अब सीआईडी को सौंप दिया गया है. बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी और उनके कुछ सहयोगियों पर पुलिसकर्मियों से भिड़ंत का आरोप लगा था. इस मामले में बाद में एक एफआईआर भी दर्ज की गई थी. असम पुलिस प्रमुख जीपी सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर कहा कि मामले को "एसआईटी के माध्यम से गहन जांच" के लिए सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया है. राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं पर भारतीय दंड संहिता की नौ धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें दंगा, गैरकानूनी सभा और आपराधिक साजिश से संबंधित धाराएं शामिल हैं.
बता दें कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर कांग्रेस के राहुल गांधी और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बीच तीखी नोकझोंक के बीच मामले को सीआईडी को तेजी से स्थानांतरित किया गया है.
कांग्रेस ने दी थी प्रतिक्रिया
असम सरकार की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी थी. कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया गया था कि बिना किसी तथ्यात्मक आधार के ‘‘राजनीतिक प्राथमिकी'' दर्ज की गई है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इसको लेकर उचित समय पर कानूनी कदम उठाए जाएंगे.
गौरतलब है कि असम पुलिस ने हिंसा में शामिल होने के आरोप में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की थी. असम के उत्तरी सलमारा में जयराम रमेश ने संवाददाताओं से बातचीत में कटाक्ष किया था. अपने कृत्यों के माध्यम से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को प्रचारित करने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा का धन्यवाद .
जयराम रमेश ने कहा था कि यह एक राजनीतिक प्राथमिकी है और तथ्यों पर आधारित नहीं है. सबूत और वीडियो आप सभी (मीडिया) के सामने हैं. हम डरेंगे नहीं क्योंकि यह असम के मुख्यमंत्री की एक और धमकी है.
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