जी20 सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली आए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो अपने देश वापस लौट गए हैं. जस्टिन ट्रुडो विमान में आई तकनीकी खराबी की वजह से रविवार को कनाडा के लिए उड़ान नहीं भर सके थे. लेकिन अब उनका प्लेन ठीक हो गया है. जिस CFC1 विमान से वह भारत आए थे उसी से वह कनाडा वापस लौट गए हैं. उनका विमान पालन एयरपोर्ट से दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर रवाना हुआ.
प्लेन में खराबी की वजह से वह रविवार को वापस नहीं जा सके. वह अपने डेलिगेशन के साथ भारत में भी रुके हुए थे. जिस विमान से वह दिल्ली आए थे रविवार को उड़ान भरने की कोशिश के दौरान उसमें कुछ तकनीकी खराबी आ गई और वह यहीं फंस गए थे. उनका बैकअप विमान भी कनाडा से भारत के लिए रवाना हो गया था लेकिन जिस विमान से वह आए थे वही ठीक हो गया . ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर करने की शर्त पर कहा था कि जस्टिन टूडो या तो बैकअप प्लेन से कनाडा वापस जाएंगे या फिर पुराना विमान सही होने का इंतजार करेंगे. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि किस चीज को बदलने की जरूरत है तो उन्होंने इस पर कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया.
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कनाडा रवाना हुए जस्टिन टूडो
जस्टिन टूडो के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि कनाडा के डेलिगेट्स को वापस घर पहुंचाने के लिए कनाडा के आर्म फोर्सेस की कोशिश जारी है. मंगलवार दोपहर तक वह वापस कनाडा लौट सकते हैं.बता दें कि भारत यात्रा के दौरान विमान खराब होने की वजह से जस्टिन ट्रुडो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. साल 2018 में ट्रुडो की पहली भारत यात्रा कूटनीतिक आपदा बन गई थी, जब खालिस्तान समर्थक जसपाल अटवाल को भेजे गए इनविटेशन पर काफी बवाल हुआ था.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर कनाडा के अपने समकक्ष जस्टिन ट्रुडो से मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में भारत-कनाडा संबंधों पर चर्चा की. प्रधान मंत्री ने G20 के मौके पर कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रुडो के साथ द्विपक्षीय बातचीत में कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों को जारी रखने को लेकर चिंता व्यक्त की. गौरतलब है कि कनाडा प्रवासी सिखों के पसंदीदा केंद्रों में से एक रहा है, हालांकि हाल के दिनों में कनाडा से चरमपंथ तेजी से पनप रही है.
पीएम मोदी और ट्रुडो के बीच हुई क्या बात?
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी ने ट्रूडो को बताया कि कनाडा में चरमपंथी तत्व अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं. राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को उड़ाने की धमकी दे रहे हैं. बयान में कहा गया है कि संगठित अपराध, ड्रग सिंडिकेट और मानव तस्करी के साथ ऐसी ताकतों का गठजोड़ कनाडा के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए. ऐसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों के लिए सहयोग करना जरूरी है. मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत-कनाडा संबंधों की प्रगति के लिए आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित संबंध आवश्यक है.
वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान के मुद्दे पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पिछले कुछ सालों में कई बार दोनों मुद्दों पर चर्चा की है.प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पत्रकारों से कहा, "कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और ये हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. साथ ही, हम हिंसा को रोकने और नफरत को कुचलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं."
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