देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने आज एक वकील को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जमकर फटकार लगाई. नीट में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इस दौरान एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नरेंद्र हुड्डा पीठ को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर पेश वकील मैथ्यूज नेंदूपरा हस्तक्षेप करने लगे. इसके बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें फटकार लगाई और कहा कि मैं वकीलों को इस अदालत में प्रक्रिया तय करने की अनुमति नहीं दे सकता.
पीठ के एक सवाल का जवाब देते हुए नेंदूपरा ने कहा कि वह अदालत के समक्ष सभी वकीलों में वरिष्ठ हैं. "मैं जवाब दे सकता हूं. मैं एमिकस हूं." इस पर सीजेआई ने जवाब देते हुए कहा, "मैंने कोई एमिकस नियुक्त नहीं किया है." इसके बाद भी वकील यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, "अगर आप मेरा सम्मान नहीं करेंगे तो मैं चला जाऊंगा."
वकीलों को इस अदालत की प्रक्रिया तय करने की अनुमति नहीं : CJI
इस पर सीजेआई ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "नेंदूपरा मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं. आप गैलरी में बात नहीं करेंगे. मैं कोर्ट का इंचार्ज हूं. कृपया सिक्योरिटी को बुलाएं, उन्हें कोर्ट से बाहर निकालें." इस पर वकील ने जवाब दिया, "मैं जा रहा हूं. मैं जा रहा हूं." सीजेआई ने कहा, "आपको ऐसा कहने की जरूरत नहीं है, आप जा सकते हैं. मैंने पिछले 24 सालों से न्यायपालिका देखी है. मैं वकीलों को इस अदालत में प्रक्रिया तय करने की अनुमति नहीं दे सकता."
फटकार के बाद बाहर गए मैथ्यूज, लौटकर दिया बाइबिल का उद्धरण
इसके बावजूद भी नेंदूपरा नहीं रुके. उन्होंने कहा, ''मैंने इसे 1979 से देखा है.'' इसके बाद सीजेआई ने चेतावनी दी कि उन्हें निर्देश जारी करना होगा. सीजेआई ने कहा, "मुझे कुछ ऐसा जारी करना पड़ सकता है जो उचित नहीं है. आप किसी अन्य वकील को बाधित नहीं करेंगे." आखिरकार वकील चले गए और बाद में अदालत में लौटे. वकील ने कहा, "मुझे खेद है. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. मेरे साथ गलत व्यवहार किया गया." और फिर उन्होंने कहा कि वह सीजेआई को इस "अपमान" के लिए "माफ" करते हैं और बाइबिल का उद्धरण देते हुए कहा, "फादर, उन्हें माफ कर दो, क्योंकि वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं."
मैथ्यूज के आचरण को लेकर CJI पहले भी अदालत में लगा चुके हैं फटकार
यह पहली बार नहीं है जब मैथ्यूज नेंदूपरा को सीजेआई ने अदालत कक्ष में उनके आचरण के लिए फटकार लगाई है. इसी साल मार्च में चुनावी बॉन्ड मामले में सुनवाई के दौरान वकील ने हस्तक्षेप करना चाहा और टोकते रहे. एक मौके पर सीजेआई ने कहा, "मुझ पर चिल्लाओ मत... यह हाइड पार्क कोर्नर मीटिंग नहीं है, आप अदालत में हैं. आप एक आवेदन दायर करना चाहते हैं, आवेदन दायर करें. आपको सीजेआई के रूप में मेरा निर्णय मिल गया है, हम आपकी बात नहीं सुन रहे हैं. यदि आप कोई आवेदन दाखिल करना चाहते हैं तो उसे ईमेल पर भेजें. इस अदालत में यही नियम है."
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