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This Article is From Feb 13, 2019

राफेल पर CAG की रिपोर्ट में नहीं है सबसे बड़े सवाल का जवाब

राफेल डील (Rafale Deal) पर कैग (CAG)की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट पेश तो हुई मगर सबसे बड़े सवाल का जवाब नहीं मिला, जिस पर देश में विपक्ष हंगामा मचाता आया है.

CAG Report On Rafale: राफेल पर संसद में पेश हुई सीएजी की रिपोर्ट

नई दिल्ली:

राफेल डील (Rafale Deal) पर कैग(CAG) की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट गुरुवार को संसद में पेश हुई. इस रिपोर्ट में यूं तो राफेल विमानों की खरीद से जुड़ी लगभग पूरी प्रक्रिया की पड़ताल की गई है. मगर 16 पन्नों की रिपोर्ट में सबसे बड़ा सवाल अनुत्तरित रह गया. इसी सवाल को लेकर विपक्ष हमेशा संसद से लेकर सड़क तक सरकार को घेरता आया है. यह सवाल है राफेल विमानों की कीमत का. राफेल पर सीएजी की पूरी रिपोर्ट में राफेल की असल कीमत का जिक्र ही नहीं है. जहां कीमत की बात है, वहां पर कोड के रूप में U1...जैसे वर्ड इस्तेमाल किए गए हैं. मतलब अननोन मिलियन यूरो. यानी राफेल विमान कितने में खरीदा गया, इसको लेकर सिर्फ कोड वर्ड इस्तेमाल है. अब यह अननोन मिलिन यूरो क्या है, इसके बारे में राफेल की रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं है. रिपोर्ट पढ़ने के बाद पता चलता है कि कैग ने सरकार की ओर से अपनाई गई प्रक्रिया और उसके जवाबों का ही ज्यादा जिक्र किया है. अननोन मिलिन यूरो के आधार पर नई डील को पुरानी डील से सस्ता बताया है. लेकिन सवाल है कि अननोन मिलियन यूरो....कितनी धनराशि है...


राफेल डील : राज्यसभा में पेश हुई CAG रिपोर्ट, पिछली डील से बताया बेहतर, कहा- 17.08 फीसदी रकम बचाई

यूं तो संसद में एक सवाल के जवाब में 2016 में ही मोदी सरकार यह बता चुकी है कि बिना हथियारों वाले एक राफेल विमान की कीमत 570 करोड़ रुपये है. मगर घमासान वेपनाइज्ड यानी हथियारों से लैस राफेल विमान की कीमतों पर मचता रहा है. हथियारों से लैस 36 राफेल विमानों की कीमत यह कहकर सरकार बताने से इन्कार करती रही है कि भारत और सरकार के बीच विमानों की खरीद को लेकर हुए इंटर गवर्नमेंटल एंग्रीमेंट(IGA) की कुछ शर्तें इसकी इजाजत नहीं देतीं. सरकार यह कहती आई है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और एग्रीमेंट की गोपनीयता से जुड़ी शर्तों के मद्देनजर वह असली कीमतों का खुलासा नहीं कर सकती. विपक्ष भी हर बार राफेल विमानों की असल कीमतें सार्वजनिक करने की मांग उठाता रहा है.

यह भी पढ़ें- राफेल डील: कैग की रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने कसा तंज, बोले- यह ‘चौकीदार ऑडिटर जनरल' की रिपोर्ट

क्या है कैग रिपोर्ट में
कैग ने अपनी रिपोर्ट में (CAG Report) में 36 राफेल विमानों की नई डील को यूपीए सरकार में हुए 126 विमानों वाली पिछली डील से बेहतर बताया  है. तुलना कर बताया है कि पिछली डील में बदलाव करने से देश का 17.08 फीसदी रकम बची है. रिपोर्ट में कहा गया है, '126 विमानों के लिए किए गए सौदे की तुलना में भारत ने भारतीय आवश्यकतानुसार करवाए गए परिवर्तनों के साथ 36 राफेल विमानों के सौदे में 17.08 फीसदी रकम बचाई है.' इसके साथ ही इसमें कहा गया है, 'पहले 18 राफेल विमानों का डिलीवरी शेड्यूल उस शेड्यूल से पांच महीने बेहतर है, जो 126 विमानों के लिए किए गए सौदे में प्रस्तावित था.' राज्यसभा में पेश की गई भारतीय वायुसेना में Capital Acquisition in Indian Air Force पर सीएजी रिपोर्ट में 16 पन्नों में राफेल सौदे के बारे में जानकारी दी गई है. उधर, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सीएजी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश होने के बाद एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, ऐसा नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट भी गलत हो, 'सीएजी भी गलत हो, सिर्फ परिवार ही सही हो. सत्यमेव जयते. सच्चाई की हमेशा जीत होती है. राफेल पर सीएजी रिपोर्ट से सच की पुष्टि हुई. लोकतंत्र उन्हें कैसे दंडित करता है, जो लगातार देश से झूठ बोलते रहे हों. सीएजी रिपोर्ट से 'महाझूठबंधन' के झूठों की पोल खुल गई है.'

कांग्रेस का प्रदर्शन
राफेल डील पर सीएजी रिपोर्ट पेश होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपी चेयपर्सन सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार सुबह संसद भवन स्थित गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस के बड़े नेता भी प्रदर्शन में शामिल थे. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं के साथ में कागज के जेट दिखाई दिए हैं. 

वीडियो- राफेल पर सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश

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