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This Article is From Apr 08, 2018

स्कूलों को संबद्धता देने की प्रक्रिया में देरी पर CAG ने सीबीएसई को लताड़ा

नियमों के मुताबिक हर साल 30 जून या उससे पहले बोर्ड को मिलने वाले सभी आवेदनों पर छह महीने के भीतर कार्रवाई होनी चाहिए. 

स्कूलों को संबद्धता देने की प्रक्रिया में देरी पर CAG ने सीबीएसई को लताड़ा
सीबीएसई (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: स्कूलों के संबद्धता संबंधी आवेदनों पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया में विलंब के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सीबीएसई की खिंचाई करते हुए कहा है कि इस वजह से बोर्ड की मंजूरी के बगैर स्कूल संचालित होते हैं जिससे छात्रों की सेहत, साफ- सफाई और सुरक्षा के साथ समझौता होता है. 

कैग की एक रिपोर्ट में पता चला था कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पिछले वर्ष स्कूलों के संबद्धता संबंधी आवेदनों की प्रक्रिया में विलंब किया था जिसके कारण स्कूलों ने मंजूरी के बगैर ही कक्षाएं लगानी शुरू कर दी थी. नियमों के मुताबिक हर साल 30 जून या उससे पहले बोर्ड को मिलने वाले सभी आवेदनों पर छह महीने के भीतर कार्रवाई होनी चाहिए. 

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संसद में पिछले हफ्ते रखी गई कैग की इस रिपोर्ट में कहा गया , ‘लेखा परीक्षा में पता चला कि 203 मामलों में से 140 में बोर्ड ने स्कूलों को संबद्धता प्रदान की. हालांकि इन 140 में से केवल 19 (14 फीसदी ) को ही छह महीने के भीतर संबद्धता मिली. बाकी के 121 मामलों में बोर्ड ने स्कूलों को संबद्धता देने और इस बारे में सूचित करने में सात महीने से लेकर तीन वर्ष से अधिक का समय लिया.’ 

रिपोर्ट के मुताबिक 203 मामलों में से 58 में माध्यमिक स्कूलों ने उच्चतम माध्यमिक संबद्धता के लिए आवेदन दिया था लेकिन उन्हें यह सत्र प्रारंभ होने के बाद दी गई जो कि सीबीएसई के नियमों का उल्लंघन है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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