हिमाचल में केबल कार हवा में अटकी, 3 घंटे की मशक्कत के बाद सभी 11 पर्यटक बचाए गए

ऐसा ही हादसा 13 अक्टूबर 1992 को देखा गया था, जब डॉकिंग स्टेशन के पास हॉलेज केबल टूट गई और 11 यात्रियों को ले जा रही केबल कार पीछे की ओर खिसक गई. इस दौरान दहशत में ऑपरेटर कार से कूद गया था और  उसका सिर के एक चट्टान से टकराने की वजह से उसकी मृत्यु हो गई थी.

नई दिल्ली:

हिमाचल (Himachal Pradesh) के परवाणु में केबल कार (Cable Car) हवा में अटक गई है, जिसमें 11 पर्यटक फंसे गए थे. 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. हादसा तकनीकी खराबी के कारण हुआ है.

सोलन जिला पुलिस प्रमुख के अनुसार- यात्रियों को बचाने के लिए केबल पर एक ट्रॉली लगाई गई थी. यात्रियों को बचाव उपकरणों की मदद से नीचे कौशल्या नदी घाटी में उतारा जा रहा है. टिम्बर ट्रेल ऑपरेटर की तकनीकी टीम तैनात है और पुलिस टीम स्थिति की निगरानी कर रही हैं. एसडीएम धनबीर ठाकुर ने बताया कि NDRF की टीम भी मौके पर पहुंच गई है.

बता दें कि ये केबल कार टिम्बर ट्रेल निजी रिसॉर्ट की है, जो हिमाचल प्रदेश में काफी लोकप्रिय है. वैसे भी पर्यटकों में केबल कार की यात्रा काफी पसंद की जाती है. 

लगभग ऐसा ही हादसा 13 अक्टूबर 1992 को देखा गया था, जब डॉकिंग स्टेशन के पास हॉलेज केबल टूट गई और 11 यात्रियों को ले जा रही केबल कार पीछे की ओर खिसक गई. इस दौरान एक की मृत्यु हो गई थी और 10 लोगों को बचा लिया गया था.

बता दें कि भारतीय सशस्त्र बलों ने कुछ महीने पहले अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट साझा किया था जिसमें बचाव अभियान शुरू होने के समय की तीन तस्वीरें थीं. पहली तस्वीर में केबल कार दिखाई दे रही है, जिस पर टिम्बर ट्रेल परवाणु लिखा है - हवा में लटकी हुई है. एक अन्य तस्वीर में एक पर्यटक को भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर में ले जाते हुए दिखाया गया, जबकि तीसरी तस्वीर में अधिकारियों और कुछ बचाए गए यात्रियों की सामूहिक तस्वीर थी.

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उस समय अंधेरा होने से पहले केवल आधे यात्रियों को ही बचाया जा सका था. टीम को अस्थायी रूप से ऑपरेशन रोकना पड़ा, लेकिन वे अगले दिन अन्य को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे. केबल कार के नियंत्रण से बाहर होने के तुरंत बाद ऑपरेटर ने सुरक्षा के लिए कूदने की कोशिश की थी और चट्टान से सिर टकराने से उसकी मौत हो गई थी.