शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कहा है कि इसको लेकर मुस्लिमों में भ्रम और डर है. विपक्षी दल अपने फायदे के लिए मुस्लिमों को बरगला रहे हैं. सरकार का फर्ज है कि वह इस पर बने संशय को दूर कर उन्हें जागरूक करें. शिया धर्मगुरु ने कहा, 'सीएए के विरोध प्रदर्शन का सभी विपक्षी दल फायदा उठा रहे हैं. वे मुसलमानों को भड़का रहे हैं कि उन्हें मुल्क से निकाल दिया जाएगा. ऐसी पोजिशन बना दी गई है कि मुस्लिम समझ नहीं पा रहा है वह क्या करे.'
उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां प्रदर्शन का फायदा उठा रही हैं. ये लोग आते थे और भीड़ में मिल जाते थे. इसके बाद हिंसा भड़का रहे थे. विपक्षी मुस्लिम के जज्बात का फायदा उठा रहे हैं. सरकार को इस कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के भ्रम को दूर करना चाहिए.
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जव्वाद ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का सीएए के खिलाफ प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है, वे लोग पूरे मामले में खमोश बैठे हैं. योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा के बयान पर उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया.
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि ओवैसी राजनीतिक व्यक्ति हैं और उसी अनुसार काम कर रहे हैं कि मुस्लिम उनके साथ रहे. वह धार्मिक और मौलाना तो हैं नहीं. वह राजनैतिक हैं.
मौलाना ने कहा कि बाहरी मुल्क से आ रहे अल्पसंख्यकों में जैन, बुद्ध, पारसी लोगों को नागरिकता मिल जाएगी. वहीं मुस्लिम इसे लेकर डर गया. उनको लगता है, उन्हें निकाल दिया जाएगा. उनके पास कागजात न होने पर सरकार उन्हें कैम्पों में भेज देगी. जिनके पास सर्टिफिकेट नहीं है, उनके साथ सरकार क्या करेगी, इस बात पर सरकार को चाहिए को वह मुस्लिमों को समझाएं कि ऐसा कुछ होने वाला नहीं है.
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शिया धर्मगुरु ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एनपीआर का फॉर्म न भरने का मतलब वह भी मुस्लिमों को संदेश देना चाहते हैं. यही सब बयान दिक्कत पैदा कर रहे हैं. इन्हीं सब बातों को लेकर सरकार को मुस्लिमों का समझाना चाहिए.
जव्वाद ने कहा कि अयोध्या फैसले के बाद जिस तरह शांति रही, वैसे ही इसकी भी पहले से ही तैयारी की जानी चाहिए. इस प्रदर्शन में मुस्लिम ज्यादा हैं, क्योंकि उन्हें ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है.
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पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे, लाजिम है कि हम भी देखेंगे' पर मचे हंगामे पर शिया धर्मगुरु ने कहा कि जो भी इस पर बवाल कर रहा है, वह जाहिल है. फैज तो पाकिस्तान आजाद होने का नारा लगा रहे थे. उनकी नज्म को लोग समझ नहीं पा रहे हैं. वह पाकिस्तान में कम्युनिस्ट हुकूमत चाहते थे. उन्होंने विद्रोह किया था. उन्हें जेल जाना पड़ा था. जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे फैज के बारे में जानते ही नहीं.
मुजफ्फरनगर में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर पुलिसिया कार्रवाई को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि मदरसों के अंदर घुसकर बच्चों को मारा गया है, मौलानाओं को मारा गया है. इस मामले में वे मुख्यमंत्री को लिखकर दे चुके हैं. इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
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