छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर और ओडिशा के पदमपुर विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव, जानें अपडेट

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान चल रहा है. निर्वाचन अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस सीट के लिए सुबह 7 बजे मतदान की शुरुआत हुई और दोपहर 3 बजे तक मतदाता मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी.

छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर और ओडिशा के पदमपुर विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव, जानें अपडेट

नई दिल्ली:

ओडिशा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लोकसभा की एक-एक और विधानसभा की 5 रिक्त सीटों पर सोमवार 5 दिसंबर को उपचुनाव (Bypoll Elections) हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान चल रहा है. निर्वाचन अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस सीट के लिए सुबह 7 बजे मतदान की शुरुआत हुई और दोपहर 3 बजे तक मतदाता मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. इस सीट के लिए सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.

कांकेर जिले के अंतर्गत भानुप्रतापपुर क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक और विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था, तब से यह सीट रिक्त है. अधिकारियों ने बताया कि इस उपचुनाव में क्षेत्र के 1,95,822 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. इनमें 95,266 पुरुष मतदाता, 1,555 महिला मतदाता और एक तृतीय लिंग मतदाता शामिल है.

उन्होंने बताया कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए कुल 256 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें से 82 मतदान केंद्र नक्सलियों से खतरे के मामले में संवेदनशील और 17 मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं. राजनीतिक रूप से संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या 23 है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी में रविवार सुबह मतदान दलों को उनके संबंधित मतदान केंद्रों पर भेजने का काम शुरू हो गया था. 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान के लिए अर्धसैनिक बलों सहित लगभग 2500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. उपचुनाव के लिए कुल सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीधी लड़ाई की संभावना है. इस सीट से कांग्रेस ने दिवंगत विधायक की पत्नी सावित्री मंडावी को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा के उम्मीदवार पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम हैं.

वहीं, बस्तर में आदिवासियों की संस्था सर्व आदिवासी समाज ने भी अपने उम्मीदवार अकबर राम कोर्राम को चुनाव के लिए मैदान में उतारा है. कोर्राम निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. कोर्राम भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हैं. वह 2020 में पुलिस उप महानिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. इस उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपनी पार्टी की ओर से प्रचार किया. भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण साव ने प्रचार किया.

ओडिशा पदमपुर विधानसभा सीट पर हो रहे मतदान
वहीं, ओडिशा के बरगढ़ जिले की पदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार सुबह मतदान शुरू हुआ. निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने यह जनकारी दी. उन्होंने बताया कि 319 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ, जो शाम 4 बजे तक चलेगा. पदमपुर सीट पर 2.57 लाख से अधिक लोगों के पास मताधिकार है, जिनमें 12 लोग ट्रांसजेंडर समुदाय के हैं.

धामनगर सीट पर बीजू जनता दल (बीजद) की हार के बाद नवीन पटनायक नीत इस पार्टी के लिए पदमपुर सीट पर चुनाव का महत्व और बढ़ गया है. अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव के लिए कम से कम 1,400 पुलिस कर्मियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की नौ टुकड़ियों को तैनात किया गया है. निर्वाचन क्षेत्र के सभी प्रवेश व निकास बिंदुओं को सील कर दिया गया है, क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र को माओवादी प्रभावित क्षेत्र माना जाता है.

ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस. के. लोहानी ने बताया कि 79 मतदान केंद्रों की पहचान ‘संवेदनशील' (केंद्रों) के तौर पर की गई है और 120 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया की ‘वेबकास्टिंग' की योजना है, जबकि 66 केंद्रों पर मतदान सीसीटीवी कैमरा की निगरानी में होगा. उन्होंने बताया कि दिव्यांग मतदाताओं को लाने-ले जाने की व्यवस्था की गई है. सीईओ ने कहा, ‘‘ उपयुक्त स्थानों पर केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के साथ-साथ 91 सूक्ष्म पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं.''इस सीट पर 10 उम्मीदवार मैदान में हैं.

पदमपुर सीट 2009 तक अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी, लेकिन अब यह सामान्य सीट है. सीट पर बरिहा परिवार का कब्ज़ा रहा है जो बिंझाल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. बिजय रंजन सिंह बरिहा इस सीट से पांच बार विधायक रहे. अक्टूबर में उनके निधन की वजह से इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है. इससे पहले उनके पिता बिक्रमादित्य सिंह बरिहा तीन बार विधायक रहे थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इस बार मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद ने दिवंगत विधायक बिजय रंजन सिंह बरिहा की बेटी बर्षा सिंह बरिहा को टिकट दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व विधायक एवं पार्टी के कृषक मोर्चा के अध्यक्ष प्रदीप पुरोहित को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने सत्य भूषण साहू को उम्मीदवार बनाया है. मतगणना आठ दिसंबर को होगी.