अल्मोड़ा में मार्चुला के नीचे बहने वाली रामगंगा नदी घाटी सोमवार सुबह चीखों से गूंज उठी. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग. हर तरफ चीख पुकार. दीवाली की खुशियां दो दिन बाद ही मातम में बदल गईं. त्योहार मनाकर महानगरों की ओर लौट रहे 42 अभागे यात्रियों को लेकर पौड़ी से निकली बस मार्चुला में गहरी खाई में समा गई. यह हादसा इतना खौफनाक था कि जिसने देखा, वह दहल गया. बस सड़क से उछलकर सीधे चट्टान से टकराई और फिर लुढ़कते हुए रामगंगा नदी तक पहुंच गई. चट्टान के टकराने के बस के परखच्चे उड़ गए. कई यात्रियों बस से छिटकर इधर-उधर झाड़ियों में गिर गए. कुछ बस के साथ नीचे नदी में गिर गए. हादसे में मौके पर ही 22 लोग की मौत हो गई. कुछ घायलों ने अस्पताल में भी दम तोड़ दिया. अब तक इस हादसे में 36 लोगों की मौत चुकी है.
काफी देर तक यात्री दर्द में तड़पते रहे. कुछ देर बाद स्थानीय लोग मदद के लिए पहुंचे. इसके बाद रेक्स्यू टीमें भी मदद के लिए पहुंच गईं. नदी से शवों को निकाला गया. बच्चों और महिलाओं के क्षत-विक्षत शव देखकर बचावकर्मी भी दहल गए. चट्टान से टकराने के कारण यात्री झाड़ियों में इधर-उधर छिटक गए थे. ऐसे में यात्रियों को ढूंढने का काम और भी मुश्किल हो रहा था. सुबह लगभग साढ़े आठ बजे की घटना है. बस अल्मोड़ा के कूपी गांव में खाई में गिरी है. ये बस जब खाई में गिरी, तब उसमें 45 से 50 यात्री सवार थे, जबकि ये 42 सीटर बस है. बस पौड़ी के नैनीडांडा से रामनगर जा रही थी.
कुछ लोग छिटककर बस से बाहर गिर पड़े...
बताया जा रहा है कि बस जब कूपी नामक जगह से गुजर रही थी, तब उसमें क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे. कुछ लोग बस में खड़े होकर भी यात्रा कर रहे थे. इस दौरान बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी. बस जब खाई में गिरी, तो कुछ लोग छिटककर बस से बाहर आ गए. इन लोगों ने ही स्थानीय लोगों को बस के खाई में गिरने की जानकारी दी. स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और रेस्क्यू का काम शुरू किया. स्थानीय पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को भी राहत और बचाव कार्य के लिए बुला लिया गया है.
भेजी गईं एयर एंबुलेंस, अलर्ट मोड में अस्पताल
घायलों को रामनगर अस्पताल में लाया जा रहा है. बस 200 मीटर खाई में गिरी है, ऐसे में मुख्य सड़क तक घायलों को लाने में रेस्क्यू टीम को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. निजी वाहनों में भी कुछ लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया. घटना स्थल पर एयर एंबुलेंस भी भेजी गई हैं, ताकि ज्यादा गंभीर लोगों उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके. प्रशासन ने घटनास्थल के आसपास के सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है.
आखिर कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि बस में क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे. कुछ लोग बस में खड़े भी हुए थे. 42 सीटर बस में 50 से ऊपर लोग सवार थे. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बस के खाई में गिरने की वजह ओवरलोडिंग रही होगी. पहाड़ों में कई बार बसों की मेंटेनेंस ठीक से नहीं होती है, ये भी हादसे की वजह हो सकती है. हालांकि, हादसे की वजह को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं.
तस्वीरें:- अल्मोड़ा बस हादसाः खौफनाक, देखिए खाई में गिरी बस की हो गई क्या हालत
सीएम धामी ने दिये घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, 'जनपद अल्मोड़ा के मार्चुला में हुई दुर्भाग्यपूर्ण बस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. जिला प्रशासन को तेजी के साथ राहत एवं बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. घटनास्थल पर स्थानीय प्रशासन एवं SDRF की टीमें घायलों को निकालकर उपचार के लिए निकटतम स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने हेतु तेजी से कार्य कर रही हैं. आवश्यकता पड़ने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएम ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए और आयुक्त कुमाऊं मंडल को घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए गए हैं.
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