बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज ने वीडियो संदेश जारी कर खुद को बेकसूर बताया.
नई दिल्ली:
बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Violence) के मुख्य आरोपी बताए जा रहे फरार योगेश राज (Yogesh Raj) ने एक वीडियो संदेश जारी कर खुद को बेकसूर बताया है. इस वीडियो में वह ये कहता दिख रहा है कि उसे इस तरह से पेश किया जा रहा है जैसे उसका लंबा आपराधिक रिकॉर्ड रहा हो. उसका कहना है कि जिस हिंसा में इंस्पेक्टर की मौत हुई वह वहां माजूद ही नहीं था. योगेश राज ने वीडियो में कहा, ' जैसा कि आप बुलंदशहर के स्याना में हुई गोकशी प्रकरण को आप लोग देख रहे होंगे. पुलिस मुझे इस प्रकार प्रस्तुत कर रही है, जैसे कि मेरा कोई बहुत बड़ा आपराधिक इतिहास हो. मैं आप सब लोगों को यह बताना चाहता हूं कि उस दिन दो घटनाएं घटित हुई थी. पहली घटना स्याना के नजदीक गांव महाव में गोकशी की हुई. जिसकी सूचना पाकर मैं अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचा था. प्रशासनिक लोग भी वहां पर पहुंचे थे और मामले को शांत करके हमलोग अपने साथियों के साथ स्याना थाने में मुकदमा लिखवाने आ गया था.'
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योगेश राज ने आगे कहा कि थाने में बैठे-बैठे मुझे जानकारी मिली कि उक्त स्थल पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया है और वहां पर फायरिंग हुई है, जिसमें एक युवक को गोली लगी है. एक पुलिसवाले को भी गोली लगी है. जब हमारी मांग पूर्ण करके मुकदमा स्याना थाने में लिखा जा रहा था. तब बजरंग दल कोई आंदोलन प्रदर्शन क्यों करता. उसने कहा, 'मैं दूसरी घटना में उक्त स्थल पर मौजूद नहीं था. मेरा दूसरी घटना से कोई लेना देना नहीं है. ईश्वर मुझकों न्याय दिलाएंगे. मुझे ऐसा भगवान पर पूर्ण भरोसा है. धन्यवाद.'
VIDEO मुख्य आरोपी योगेश राज ने VIDEO जारी कर खुद को बेकसूर बताया
बता दें कि बुलंदशहर के थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर गोवंश के अवशेष मिले थे. यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया. गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे. सूत्रों के अनुसार गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी.
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सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे. इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए. साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी. पुलिस जब भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही थी, तभी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को सिर में गोली मार दी गई थी, जबकि एक युवक भी मारा गया.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की ख़बर पर भीड़ की हिंसा के मामले में 27 लोगों को नामज़द किया गया है. इन पर 17 धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है. यानी भीड़ की हिंसा के मामले में योगेश राज के साथ-साथ करीब 80 से 90 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. इनमें से 27 लोग नामजद हैं, वहीं 50 से 60 लोग अज्ञात हैं. भीड़ की हिंसा मामले में पुलिस ने अभी तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया है और 4 को हिरासत में लिया है. इस मामले में सब इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र ने एफआईआर दर्ज कराई है.
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योगेश राज ने आगे कहा कि थाने में बैठे-बैठे मुझे जानकारी मिली कि उक्त स्थल पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया है और वहां पर फायरिंग हुई है, जिसमें एक युवक को गोली लगी है. एक पुलिसवाले को भी गोली लगी है. जब हमारी मांग पूर्ण करके मुकदमा स्याना थाने में लिखा जा रहा था. तब बजरंग दल कोई आंदोलन प्रदर्शन क्यों करता. उसने कहा, 'मैं दूसरी घटना में उक्त स्थल पर मौजूद नहीं था. मेरा दूसरी घटना से कोई लेना देना नहीं है. ईश्वर मुझकों न्याय दिलाएंगे. मुझे ऐसा भगवान पर पूर्ण भरोसा है. धन्यवाद.'
VIDEO मुख्य आरोपी योगेश राज ने VIDEO जारी कर खुद को बेकसूर बताया
बता दें कि बुलंदशहर के थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर गोवंश के अवशेष मिले थे. यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया. गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे. सूत्रों के अनुसार गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी.
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बुलंदशहर हिंसा मामले का मुख्य आरोपी योगेश राज.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की ख़बर पर भीड़ की हिंसा के मामले में 27 लोगों को नामज़द किया गया है. इन पर 17 धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है. यानी भीड़ की हिंसा के मामले में योगेश राज के साथ-साथ करीब 80 से 90 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. इनमें से 27 लोग नामजद हैं, वहीं 50 से 60 लोग अज्ञात हैं. भीड़ की हिंसा मामले में पुलिस ने अभी तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया है और 4 को हिरासत में लिया है. इस मामले में सब इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र ने एफआईआर दर्ज कराई है.
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