वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट 2022 पेश किया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट है. बजट में नौकरीपेशा लोगों, किसानों और कारोबारियों को कोई अहम सौगात नहीं मिली है, लेकिन इसमें डिजिटल करेंसी, डिजिटल बैंकिंग यूनिट का बड़ा ऐलान शामिल है. जानकारी के मुताबिक किसान चाहते थे कि खाद सब्सिडी बढ़ाई जाए, बजट में इसका जिक्र नहीं है. किसानों का कहना था कि बिजली बहुत महंगी हो गई है. किसान भी राहत पैकेज मांग रहे थे. कृषि की लागत लगातार बढ़ रही है और कमाई कम हो रही है. एक किसान ने कहा कि किचन का बजट महंगा हो गया है, ऐसे में महिलाओं के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है.
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जानकारों का कहना है कि इसके अलावा लेदर एक्सपोर्टर चाहते थे कि इम्पोर्ट ड्यूटी जीरो की जाए. इनकम टैक्स कम किया जाए क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान उनका काफी नुकसान हुआ है. इसके अलावा कोविड रिलीफ पैकेज के तहत छोटे लघु उद्योगों को ज्यादा क्रेडिट मुहैया कराया जाएं, इसकी अवधि 10 साल के लिए बढ़ाई जाए. इस मांग को सरकार ने आंशिक रूप से मानते हुए 2023 तक ही बढ़ाया है. एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हाईटेक इंजीनियरिंग सेक्टर में सप्लाई चेन पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई है. अभी भी बैंकों से क्रेडिट नहीं मिल रहा है. इस मामले में कुछ राहत दी गई है लेकिन वे ज्यादा राहत चाहते थे.
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वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में आखिर में कहा है कि 1 अक्टूबर 2022 के बाद, भारत में जो भी अनब्लेंडेड पेट्रोल, यानी वह पेट्रोल जिसमें एथेनॉल नहीं मिलाया गया है, उस पर दो रुपये प्रति लीटर की एडीशनल एक्साइज ड्यूटी लगाई जाएगी. यह ड्यूटी रिफाइनरी कंपनी पर लगेगा. स्वाभाविक है कि अगर तेल कंपनी का खर्च बढ़ता है तो इसका असर उपभोक्ता पर पड़ सकता है, यानी तेल महंगा हो सकता है. बजट में इनकम टैक्स दर और स्लैब में भी बदलाव नहीं है.
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