फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कश्मीर घाटी में अख़बारों पर रोक लगाने को लेकर राज्य सरकार की बहुत किरकिरी हो रही थी लेकिन ये फ़ैसला मुख्यमंत्री का नहीं था। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री के सलाहकार अमिताभ मत्तू कहना है, "ये फ़ैसला किसी ने नीचे के स्तर पर लिया था, उस पर करवाई की जाएगी।"
दरअसल बड़गाम ज़िले से घाटी के मुख्य अख़बार पब्लिश होते हैं। कर्फ़्यू के दोरान वहां के एसपी फ़याज़ अहमद लोन ने कई अख़बारों का छपना बंद करवा दिया था। अब फ़याज़ का तबादला कर दिया गया है। एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को जब पता चला तो उन्होंने नाराज़गी जतायी और सख़्त करवाई किए जाने के निर्देश दिए। इसी के तहत फ़याज़ का तबादला किया गया है।
उधर मुख्यमंत्री के सलाहकार अमिताभ का कहना है कि कहीं ग़लत फ़हमी हो गई लगती है। उन्होंने राइज़िंग कश्मीर के सम्पादक सुझात बुख़ारी को भी कहा कि उन्होंने ख़ुद यानी अमिताभ मत्तू ने जाकर कई सम्पादकों से माफ़ी मांगी है। बुख़ारी का कहना था की पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख़्तर ने ख़ुद कई सम्पादकों को अख़बार ना छापने की बात कही थी।
दरअसल बड़गाम ज़िले से घाटी के मुख्य अख़बार पब्लिश होते हैं। कर्फ़्यू के दोरान वहां के एसपी फ़याज़ अहमद लोन ने कई अख़बारों का छपना बंद करवा दिया था। अब फ़याज़ का तबादला कर दिया गया है। एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को जब पता चला तो उन्होंने नाराज़गी जतायी और सख़्त करवाई किए जाने के निर्देश दिए। इसी के तहत फ़याज़ का तबादला किया गया है।
उधर मुख्यमंत्री के सलाहकार अमिताभ का कहना है कि कहीं ग़लत फ़हमी हो गई लगती है। उन्होंने राइज़िंग कश्मीर के सम्पादक सुझात बुख़ारी को भी कहा कि उन्होंने ख़ुद यानी अमिताभ मत्तू ने जाकर कई सम्पादकों से माफ़ी मांगी है। बुख़ारी का कहना था की पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख़्तर ने ख़ुद कई सम्पादकों को अख़बार ना छापने की बात कही थी।
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