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This Article is From May 24, 2016

मायावती की मूर्तियों के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की तैयारी में बीएसपी समर्थक

मायावती की मूर्तियों के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की तैयारी में बीएसपी समर्थक
प्रतीकात्मक तस्वीर
लखनऊ: बीएसपी प्रमुख मायावती ने भले ही ऐलान किया हो कि उत्तर प्रदेश में सत्ता में वापसी करने पर वह मूर्तियां नहीं लगवाएंगी, बल्कि विकास का काम करेंगी, लेकिन इसके बावजूद उनके समर्थक 2017 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए मायावती की मूर्ति लगवाने की तैयारी में हैं।

मायावती की 150 मूर्तियां बनाने की तैयारी
'बहन जी' की उनके खास अंदाज में 150 मूर्तियां तैयार करने के लिए स्थानीय मूर्तिकार को लगाया गया है। ये मूर्तियां बीएसपी उम्मीदवार अगले साल होने वाले चुनावों के प्रचार के लिए अपने चुनाव कार्यालयों सहित दूसरी जगहों पर लगाएंगे।

मूर्तिकार अमरनाथ प्रजापति बताते हैं कि उन्हें कुल 150 मूर्तियों का आर्डर मिला है और उन पर काम चालू है। इससे पहले मायावती सरकार द्वारा राजधानी लखनऊ में लगाई गई कई मूर्तियों का निर्माण प्रजापति ने ही किया था। उन्होंने कहा कि मूर्तियों का ऑर्डर बीएसपी उम्मीदवारों के समर्थकों की ओर से मिला है। सभी मूर्तियां चुनाव से पहले बनाकर देने के लिए कहा गया है।

साढ़े तीन फीट लंबी होगी हर मूर्ति
हर मूर्ति लगभग साढ़े तीन फीट की होगी और उसका वजन 40 किलो होगा, ताकि मूर्ति को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके। मूर्तियों का रंग सुनहरा होगा और ये धातु एवं संगमरमर की बनेंगी। मूर्तियों में मायावती को चलने की मुद्रा में दिखाया जाएगा और उनके दाहिने हाथ में पर्स होगा तथा गले में दुपट्टा। प्रजापति ने साफ किया कि उनसे मूर्तियों के ऑर्डर के सिलसिले में पार्टी की ओर से किसी ने संपर्क नहीं किया है। ये मूर्तियां व्यक्तिगत तौर पर खरीदारों ने ऑर्डर की हैं।

मूर्तियां नहीं बनवाने का मायावती ने किया था वादा
मूर्तियां लगवाने के लिए आलोचनाओं के घेरे में रहीं बीएसपी प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि अब वह स्मारक या मूर्तियां नहीं बनवाएंगीं। उन्होंने 14 अप्रैल को लखनऊ में अंबेडकर जयंती के मौके पर कहा था, 'जब मैं सत्ता में आऊंगी, तो स्मारक नहीं बनवाऊंगी क्योंकि मेरा ये काम अब पूरा हो चुका है। अब मैं केवल विकास पर ध्यान केंद्रित करूंगी।' उन्होंने अपनी मूर्तियां लगवाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि ये उनके संरक्षक कांशीराम की इच्छा थी।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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