लखनऊ:
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा जातिगत रैलियों पर रोक लगाने के फैसले का तोड़ निकालते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी अदालत के ऐतराज के बाद अब देश में सामाजिक सौहार्द पैदा करने के लिए सर्वसमाज भाईचारा के नाम पर सम्मेलन व रैलियां करेगी।
मायावती ने रविवार को यहां पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अदालत के नजरिए को देखकर बसपा देशभर में सर्वसमाज में भाईचारा और सामाजिक सौहार्द पैदा करने के लिए सर्वसमाज भाईचारा के नाम पर सम्मेलन और रैलियां करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने इस सामाजिक परिवर्तन के अभियान को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेगी ताकि सर्वसमाज के लोग सही मायने में संविधान की मंशा के अनुरूप चलकर आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बसपा की तरफ से अभी तक जिस भी समाज के नाम पर सम्मेलन किए गए उन्हें जातीय आधार पर समाज में आपस बांटने के लिए नहीं बल्कि सदियों से जातीय आधार पर बंटे हुए समाज के लोगों को आपसी भाइचारे के आधार पर जोड़ने के लिए किए गए।
बसपा प्रमुख ने कहा कि अदालत ने सभी राजनीतिक दलों को जातीय आधार पर सम्मेलन न करने की बात कही है तो दूसरी तरफ संविधान को ध्यान में रखकर ही हमारी पार्टी का अदालत से ये भी कहना है कि हमारे देश में किसी खास धर्म को महत्व देने के उद्देश्य से विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(आरएसएस) और बजरंग दल जैसे अनेक संगठन बने हुए हैं जो लगभग हर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिशा और चुनावी रणनीति तय करते हैं। अदालत को ऐसे संगठनों पर रोक लगानी चाहिए। क्योंकि संविधान धर्म के आधार पर राजनीति करने की इजाजत नहीं देता।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि वह भारतीय संविधान का गम्भीरता से ध्यानपूर्वक अध्ययन जरूर करें, क्योंकि हमारे देश का संविधान हिन्दुत्व के आधार पर नहीं बल्कि पूरे तौर से धर्म-निरपेक्षता के आधार पर ही निर्मित है। इसलिए मोदी को राजनीतिक मंच पर अपने आपको हिन्दु राष्ट्रवादी बताते हुए, भारतीय संविधान की गरिमा का भी ध्यान रखना चाहिए।
दागी नेताओं को लेकर उच्चतम न्यायालय के आए फैसले पर मायावती ने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति तक को चुनाव नहीं लड़ने देने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का फायदा कम राजनीतिक दुरुपयोग ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी केंद्र सरकार से इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का अनुरोध करती है।
मायावती ने बोधगया में हुए आतंकी हमले की निंदा करने के साथ ही देश की सुरक्षा के मामले में केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। वह सोमवार को बोधगया जाएंगी।
मायावती ने संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि राज्य में कानून नाम की चीज नहीं रह गई है। चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
मायावती ने रविवार को यहां पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अदालत के नजरिए को देखकर बसपा देशभर में सर्वसमाज में भाईचारा और सामाजिक सौहार्द पैदा करने के लिए सर्वसमाज भाईचारा के नाम पर सम्मेलन और रैलियां करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने इस सामाजिक परिवर्तन के अभियान को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेगी ताकि सर्वसमाज के लोग सही मायने में संविधान की मंशा के अनुरूप चलकर आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बसपा की तरफ से अभी तक जिस भी समाज के नाम पर सम्मेलन किए गए उन्हें जातीय आधार पर समाज में आपस बांटने के लिए नहीं बल्कि सदियों से जातीय आधार पर बंटे हुए समाज के लोगों को आपसी भाइचारे के आधार पर जोड़ने के लिए किए गए।
बसपा प्रमुख ने कहा कि अदालत ने सभी राजनीतिक दलों को जातीय आधार पर सम्मेलन न करने की बात कही है तो दूसरी तरफ संविधान को ध्यान में रखकर ही हमारी पार्टी का अदालत से ये भी कहना है कि हमारे देश में किसी खास धर्म को महत्व देने के उद्देश्य से विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(आरएसएस) और बजरंग दल जैसे अनेक संगठन बने हुए हैं जो लगभग हर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिशा और चुनावी रणनीति तय करते हैं। अदालत को ऐसे संगठनों पर रोक लगानी चाहिए। क्योंकि संविधान धर्म के आधार पर राजनीति करने की इजाजत नहीं देता।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि वह भारतीय संविधान का गम्भीरता से ध्यानपूर्वक अध्ययन जरूर करें, क्योंकि हमारे देश का संविधान हिन्दुत्व के आधार पर नहीं बल्कि पूरे तौर से धर्म-निरपेक्षता के आधार पर ही निर्मित है। इसलिए मोदी को राजनीतिक मंच पर अपने आपको हिन्दु राष्ट्रवादी बताते हुए, भारतीय संविधान की गरिमा का भी ध्यान रखना चाहिए।
दागी नेताओं को लेकर उच्चतम न्यायालय के आए फैसले पर मायावती ने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति तक को चुनाव नहीं लड़ने देने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का फायदा कम राजनीतिक दुरुपयोग ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी केंद्र सरकार से इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का अनुरोध करती है।
मायावती ने बोधगया में हुए आतंकी हमले की निंदा करने के साथ ही देश की सुरक्षा के मामले में केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। वह सोमवार को बोधगया जाएंगी।
मायावती ने संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि राज्य में कानून नाम की चीज नहीं रह गई है। चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
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