चीन ने 18 महीने बाद भारत के लिए राजदूत नियुक्त किया है. नये राजदूत शू फेइहोंग (Xu Feihong) दिल्ली पहुंच चुके हैं लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) और सीमा विवाद (Border Issue) पर बयान दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने हाल ही में कहा था कि भारत के लिए चीन के साथ रिश्ते अहम हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि सीमा पर लंबे समय से चल रही स्थिति पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए. इस पर चीनी विदेश मंत्रालय (Chinese Foreign Ministry) के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि चीन और भारत सीमा (China and India border) से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से घनिष्ठ संचार बनाए रखते हैं और सकारात्मक प्रगति की है. सीमा विवाद संपूर्ण चीन-भारत संबंधों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, और इसे द्विपक्षीय संबंधों में उचित रूप से रखा जाना चाहिए और ठीक से मैनेज किया जाना चाहिए. दिल्ली निकलने से पहले चीन में राजदूत शू फेइहोंग से सवाल पूछा गया कि भारत के दृष्टिकोण से जब तक सीमाओं की स्थिति असामान्य रहेगी, चीन के साथ उसके संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली नहीं हो सकती है? आपका क्या विचार है?
पीएम मोदी के बयान पर यह बोले
शू फेइहोंग ने इस पर कहा कि मैंने चीन-भारत संबंधों के महत्व पर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों पर ध्यान दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने उसके तुरंत बाद उस पर प्रतिक्रिया दी थी. अगस्त 2023 में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के महत्व की पुष्टि की, और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को सीमा विवाद को ठीक से संभालना चाहिए और संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की रक्षा करनी चाहिए.
चीन का रखा पक्ष
चीनी राजदूत ने कहा कि चीनी पक्ष हमेशा मानता है कि चीन-भारत संबंधों को किसी एक मुद्दे या क्षेत्र द्वारा परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए. सीमा विवाद संपूर्ण रिश्ते का मुद्दा नहीं है. सितंबर 2014 में विश्व मामलों की भारतीय परिषद में बोलते हुए, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि हमें अपना ध्यान केवल मतभेदों पर केंद्रित नहीं करना चाहिए और अपनी दोस्ती और सहयोग के बारे में नहीं भूलना चाहिए. हमें मतभेदों को हमारे विकास के रास्ते में नहीं आने देना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास में बाधा डालने नहीं देना चाहिए.
अभी क्या चल रहा है?
शू फेइहोंग ने कहा कि जून 2020 में सीमा घटना के बाद, चीन और भारत राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार में बने हुए हैं. दोनों सेनाएं सीमा के पश्चिमी हिस्से में चार बिंदुओं पर पीछे हट गईं हैं. समग्र सीमा स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है, और सीमा क्षेत्र शांतिपूर्ण और शांत हैं. चीन एक-दूसरे की चिंताओं को समायोजित करने, शीघ्र बातचीत के माध्यम से विशिष्ट मुद्दों का पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने और जितनी जल्दी हो सके, पृष्ठ पलटने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है.
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