प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
बंबई उच्च न्यायालय ने मल्टीप्लेक्सों के भीतर खाने-पाने की चीजों की कीमत को लेकर नया आदेश जारी किया है. न्यायालय ने कहा है कि मल्टीप्लेक्सों के अंदर खाने-पीने की चीजों का सामान्य कीमतों पर ही बेचा जाना चाहिए. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने न्यायालय को बताया था कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर एक नियम बनाएगी. बंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस एम केमकर और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने मुंबई निवासी जैनेंद्र बक्शी की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. बक्शी ने महाराष्ट्र के सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्सों के भीतर बाहर से लाई गई खाने- पीने की चीजें ले जाने पर लगी पाबंदी को चुनौती दी है.
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बक्शी के वकील आदित्य प्रताप सिंह ने अदालत को बताया कि ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जो किसी व्यक्ति को सिनेमाघरों के भीतर खाने- पीने का निजी सामान ले जाने से रोकता हो. उन्होंने कहा कि मल्टीप्लेक्सों के भीतर खाने- पीने की चीजें बिकती तो हैं, लेकिन उनकी कीमतें बहुत ज्यादा होती हैं. इस पर सहमति जताते हुए न्यायमूर्ति केमकर ने कहा कि सिनेमाघरों के भीतर बिकने वाले खाने के सामान और पानी की बोतलों की कीमत वास्तव में बहुत ज्यादा होती है. हमने खुद ही यह अनुभव किया है.
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मल्टीप्लेक्सों को इन्हें सामान्य कीमतों पर बेचना चाहिए. न्यायालय ने कहा कि यदि मल्टीप्लेक्सों में लोगों को बाहर से लाई गई खाने- पीने की चीजें अंदर नहीं ले जाने दिया जाता तो वहां खाने- पीने के सामान पर पूरी मनाही होनी चाहिए.
VIDEO: अशोक चव्हाण के खिलाफ मुकदमा.
न्यायमूर्ति केमकर ने कहा कि फिर मल्टीप्लेक्सों के अपने वेंडर भी नहीं होने चाहिए जो भीतर खाने- पीने की चीजें बेचते हैं. पीठ इस मामले में अगली सुनवाई12 जून को करेगी.(इनपुट भाषा से)
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बक्शी के वकील आदित्य प्रताप सिंह ने अदालत को बताया कि ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जो किसी व्यक्ति को सिनेमाघरों के भीतर खाने- पीने का निजी सामान ले जाने से रोकता हो. उन्होंने कहा कि मल्टीप्लेक्सों के भीतर खाने- पीने की चीजें बिकती तो हैं, लेकिन उनकी कीमतें बहुत ज्यादा होती हैं. इस पर सहमति जताते हुए न्यायमूर्ति केमकर ने कहा कि सिनेमाघरों के भीतर बिकने वाले खाने के सामान और पानी की बोतलों की कीमत वास्तव में बहुत ज्यादा होती है. हमने खुद ही यह अनुभव किया है.
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मल्टीप्लेक्सों को इन्हें सामान्य कीमतों पर बेचना चाहिए. न्यायालय ने कहा कि यदि मल्टीप्लेक्सों में लोगों को बाहर से लाई गई खाने- पीने की चीजें अंदर नहीं ले जाने दिया जाता तो वहां खाने- पीने के सामान पर पूरी मनाही होनी चाहिए.
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न्यायमूर्ति केमकर ने कहा कि फिर मल्टीप्लेक्सों के अपने वेंडर भी नहीं होने चाहिए जो भीतर खाने- पीने की चीजें बेचते हैं. पीठ इस मामले में अगली सुनवाई12 जून को करेगी.(इनपुट भाषा से)
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