"बोधगया आध्‍यात्मिक महत्‍व का स्‍थल" : महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के साथ बोधगया में महाबोधि मंदिर में पूजा की. बाद में दिन में धनखड़ ने भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया के छठे वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग भी लिया. 

गया :

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने रविवार को बोधगया का दौरा किया और बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र मंदिर महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की. गया अंतरराष्‍ट्रीय  हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति सीधे 1500 साल पुराने महाबोधि मंदिर गए. हवाई अड्डे पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया. महाबोधि मंदिर के दर्शन से जुड़ी अपनी कुछ तस्वीरें ‘एक्स' पर साझा करते हुए उपराष्ट्रपति ने पोस्ट में कहा, ‘‘इतिहास से भरे इस पवित्र स्थल का दर्शन उनके लिए सौभाग्य की बात है, जो भगवान गौतम बुद्ध की कालजयी शिक्षाओं के साथ प्रतिध्वनित होता है.''

उन्होंने कहा, ‘‘बोधगया, आध्यात्मिक महत्व का स्थल है, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. यह मानवता की सामूहिक चेतना में एक विशेष स्थान रखता है. आइए हम भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरणा लें और उनके प्रेम और करुणा के संदेश को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करें. यह संदेश अब पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है.''

भारतीय प्रबंधन संस्‍थान बोधगया के दीक्षांत समारोह में पहुंचे 

उपराष्ट्रपति ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के साथ बोधगया में महाबोधि मंदिर में पूजा की. बाद में दिन में धनखड़ ने भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया के छठे वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग भी लिया. 

उपराष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए गया में पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई. 

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