जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कह फाइल फोटो
नई दिल्ली:
अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने यह चेतावनी देकर कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को तोड़ने की कोशिश करने पर राज्य में और आतंकवादी पैदा होंगे, अलवाववादियों के साथ अपनी निकटता को जगजाहिर कर दिया है. नकवी ने कहा कि महबूबा अपने बयान से "आतंकवादियों को ऑक्सीजन देने की कोशिश कर रही हैं."
भाजपा नेता ने कहा, "जाने या अनजाने में उन्होंने सिर्फ अलगाववादियों के साथ अपनी निकटता को उजागर किया है." श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में पीडीपी की अध्यक्ष ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार राज्य में नई सरकार के गठन के लिए उनकी पार्टी को तोड़ती है, तो फिर इससे राज्य में और ज्यादा सलाहुद्दीन और यासीन मलिक पैदा होंगे, जिन्होंने 1987 के चुनावों में कथित धांधली के बाद हथियार उठाए थे.
सलाहुद्दीन, जिसका असली नाम यूसुफ शाह है, ने चुनाव लड़ा था और यासीन मलिक उसके पोलिंग एजेंट थे। यह आरोप लगाया गया था कि चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में धांधली की गई थी. शाह आगे चलकर हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी समूह का नेता बना और मलिक ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट लॉन्च किया.
मुफ्ती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की केंद्रीय समिति के सदस्य जी.वी.एल.नरसिम्हा राव ने कहा कि मुफ्ती की टिप्पणी 'बहुत बेतुकी' है. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मुफ्ती अपनी पार्टी में ही जबरदस्त दबाव में है. उन्होंने पूछा, "क्या वह अब अपनी पार्टी को हिजबुल मुजाहिदीन के समान बता रहीं हैं."
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य के भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह (मुफ्ती) कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री के रूप में राज्य पर शासन कर रही थीं और अब वह आतंकवादी उभार की धमकी दे रही हैं."
भाजपा नेता ने कहा, "जाने या अनजाने में उन्होंने सिर्फ अलगाववादियों के साथ अपनी निकटता को उजागर किया है." श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में पीडीपी की अध्यक्ष ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार राज्य में नई सरकार के गठन के लिए उनकी पार्टी को तोड़ती है, तो फिर इससे राज्य में और ज्यादा सलाहुद्दीन और यासीन मलिक पैदा होंगे, जिन्होंने 1987 के चुनावों में कथित धांधली के बाद हथियार उठाए थे.
सलाहुद्दीन, जिसका असली नाम यूसुफ शाह है, ने चुनाव लड़ा था और यासीन मलिक उसके पोलिंग एजेंट थे। यह आरोप लगाया गया था कि चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में धांधली की गई थी. शाह आगे चलकर हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी समूह का नेता बना और मलिक ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट लॉन्च किया.
मुफ्ती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की केंद्रीय समिति के सदस्य जी.वी.एल.नरसिम्हा राव ने कहा कि मुफ्ती की टिप्पणी 'बहुत बेतुकी' है. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मुफ्ती अपनी पार्टी में ही जबरदस्त दबाव में है. उन्होंने पूछा, "क्या वह अब अपनी पार्टी को हिजबुल मुजाहिदीन के समान बता रहीं हैं."
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य के भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह (मुफ्ती) कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री के रूप में राज्य पर शासन कर रही थीं और अब वह आतंकवादी उभार की धमकी दे रही हैं."
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