भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी द्वारा अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण ठुकराए जाने पर बुधवार को विपक्षी दल की आलोचना की और कहा कि ‘‘उनका दिमाग ठीक उसी तरह खराब हो गया है जैसा कि त्रेता युग में रावण का हो गया था''.
कांग्रेस ने बुधवार को घोषणा की कि खरगे, सोनिया और चौधरी ने राम मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को 'सम्मानपूर्वक अस्वीकार' कर दिया है. साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने 'चुनावी लाभ' के लिए इसे 'राजनीतिक परियोजना' बना दिया है.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''कांग्रेस आधिकारिक तौर पर कह रही है कि उसके वरिष्ठ नेता 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे. इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. क्योंकि पिछले कुछ दशकों में उसने वास्तव में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया ताकि अयोध्या में मंदिर बने.' भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने वास्तव में भगवान राम के अस्तित्व को नकारने के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था.
उन्होंने कहा, 'वे कभी नहीं चाहते थे कि इस मुद्दे पर जल्द सुनवाई हो. अब जब वहां एक मंदिर बन गया है, तो तथ्य यह है कि वे कह रहे हैं कि वे वहां नहीं जाएंगे. यह उस बात की ही एक कड़ी है जिसे वे हमेशा मानते रहे हैं. वे वहां मंदिर नहीं चाहते थे.' कोहली ने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप महज एक बहाना है कि यह भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम है. उन्होंने कहा, 'क्योंकि वास्तव में यह कांग्रेस पार्टी की अपनी सोच के अनुरूप नहीं है. अन्यथा वे भगवान राम के प्रति स्नेह के कारण वहां जाते और लाखों भारतीयों के उत्साह को साझा करते.'
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी निमंत्रण ठुकराने के लिए कांग्रेस नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में आज भारत में 'त्रेता युग का राम राज्य' वापस आ गया है और जो लोग 22 जनवरी को अयोध्या में समारोह में शामिल नहीं होंगे, वे जीवन भर 'पछताएंगे'. कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए तिवारी ने राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा उन लोगों को निमंत्रण दिए जाने पर 'आश्चर्य' जताया जो कभी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं चाहते थे.
तिवारी ने कहा कि यहां तक कि उन्होंने अदालत में हलफनामा दायर कर भगवान राम को काल्पनिक व्यक्ति बताया था. उन्होंने कहा, 'फिर भी उन्हें आमंत्रित किया गया है. इसके बावजूद वे अपना दिमाग खो बैठे हैं. मैं समझता हूं कि त्रेता युग में रावण ने भी अपना दिमाग खो दिया था.' विपक्ष के इस आरोप पर कि भाजपा लोकसभा चुनाव जीतने के लिए राम मंदिर के समारोह का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है, तिवारी ने कटाक्ष किया और कहा कि विपक्षी दल भी भगवान राम का इस्तेमाल कर सकते हैं अगर इससे उन्हें चुनाव में मदद मिलती है. भाजपा सांसद ने चुटकी लेते हुए कहा, 'हिंदी या इतालवी में भजन गाइए. किसने रोका है सोनिया जी को.'
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