तमिलनाडु विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के नेता नैनार नागेंद्रन ने तमिलनाडु को विभाजित करने का विचार सुझाया है. भाजपा नेता ने यह बात डीएमके नेता ए राजा के उस बयान के कुछ दिन बाद ही कही है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तमिलनाडु को स्वायत्तता प्रदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि, उन्हें एक स्वतंत्र तमिल देश की मांग करने के लिए बाध्य नहीं किया जाए.
सत्तारूढ़ डीएमके के खिलाफ दक्षिणी तमिलनाडु में आयोजित एक विरोध सभा में, नैनार ने कहा, "राजा के भाषण के बाद, मुझे एक विचार आया. अगर तमिलनाडु का विभाजन होता है, तो हम केंद्र की योजनाओं को लोगों तक अच्छे तरीके से पहुंचा पाएंगे. अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो हमें और फंड मिल सकता है.'
तमिलनाडु को अलग देश बनाने की मांग "राजद्रोह": पूर्व मंत्री ए राजा के बयान पर BJP का पलटवार
राज्य की स्वायत्तता की मांग करते हुए, डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री, ए राजा ने कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उपस्थिति में पार्टी के निर्वाचित स्थानीय निकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा था, 'मैं अमित शाह और प्रधानमंत्री से अत्यंत विनम्रता से कह रहा हूं, मैं आपसे अपने नेताओं की उपस्थिति में मंच पर प्रार्थना करता हूं, हमारे मुख्यमंत्री अन्ना (पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके संस्थापक) के रास्ते पर हैं, हमें पेरियार की राह पर नहीं धकेलें. पार्टी को एक अलग देश की मांग करने के लिए विवश नहीं किया जाए और राज्य को स्वायत्तता दी जाए.'
तमिलनाडु में 38 जिलों में 234 विधानसभा क्षेत्र हैं. राज्य के विभाजन के लिए कोई जन आंदोलन या राजनीतिक मांग नहीं की गई है.
तमिलनाडु में भाजपा की केवल चार विधानसभा सीटे हैं. डीएमके का कहना है कि किसी भी विभाजन से द्रविड़ों के गढ़ में पार्टी को ही नुकसान होगा।
DMK के प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने NDTV से कहा, 'अगर वे राज्य का विभाजन करते हैं, तो भाजपा वो चार सीटें भी खो देगी, जो अभी उसके पास है. उन्हें बाहर खदेड़ दिया जाएगा. अगर वे विभाजित करना चाहते हैं, तो उन्हें उत्तर प्रदेश को विभाजित करना चाहिए.'
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