विज्ञापन

बिहार नई वोटर लिस्ट Analysis: कितने नाम कटे, कहां वोटर घटे, पूरा सार समझिए

बिहार में बीते कुछ दिनों से चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण की ड्राफ्ट कॉपी शुक्रवार को चुनाव आयोग ने जारी कर दी. ड्राफ्ट लिस्ट के अनुसार SIR के तहत बिहार में 65.64 लाख वोटरों के नाम कटे.

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण के बाद ड्राफ्ट रोल पब्लिश कर दी गई है.

  • बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण के बाद ड्राफ्ट रोल जारी हो चुका है. 65.64 लाख वोटरों के नाम कटे.
  • सीमांचल इलाके में 9.8 प्रतिशत वोटरों के नाम कटे, यह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है.
  • मिथिला क्षेत्र में 8.6 प्रतिशत और भोजपुर क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से बाहर किए गए हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

Bihar Voter List Draft: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद चुनाव आयोग ने बिहार में वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण के आंकड़ों की ड्राफ्ट कॉपी आज जारी कर दी. पहले ये आंकड़े राजनीतिक दलों को सौंपे गए और उसके बाद 3 बजे इसे चुनाव आयोग के आधिकारिक वेबसाइट पर डाल दिया गया. इन आंकड़ों में बिहार के सभी जिलों में पहले वोटरों की संख्या क्या थी? उसमें से कितने वोटर इस लिस्ट से बाहर किए गए और कितने बचे, ये सारे आंकड़े मौजूद है. वोटरों को बाहर करने के कई पैमाने थे. जो वोटर लिस्ट से बाहर गए हैं, उसमें वो है जिनकी मृत्यु हो चुकी है या फिर वैसे लोग, जो बिहार से बाहर पलायन कर गए हैं. फिर उनका भी नाम है इसमें आया, जिन्होंने एक से ज्यादा जगहों पर अपने नाम को वोटर के रूप में अंकित कर रखा था.

Latest and Breaking News on NDTV

सीमांचल में 9.8 प्रतिशत वोटरों के नाम कटे

NDTV ने जब इन आंकड़ों की समीक्षा की तो कई चौंकाने वाले पहलू सामने आए. नाम कटने वाले वोटरों की सबसे बड़ी संख्या सीमांचल में देखने को मिली. यह बिहार का वो इलाका, जो नेपाल से सटा हुआ है और मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है. सबसे बड़ी संख्या में वहां से लोग वोटर लिस्ट से बाहर किए गए. 9.8 प्रतिशत वोटर सीमांचल के 4 जिले यानी, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार बाहर हुए.

अब सीमांचल के पिछले चुनावी नतीजों को भी जान लीजिए

अगर इस इलाक़े के 2020 के चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो सीमांचल इलाके में कुल 24 सीटें है, जिसमें से 12 एनडीए के पाले में गई थी और 7 महागठबंधन के पास थी और पांच सीटें ओवैसी की AIMIM ने हासिल की. ये इलाका मुस्लिम बहुल होने के कारण भाजपा के लिए लगातार चुनौती बनी रहती है.
 

Latest and Breaking News on NDTV


मिथिलांचल से सामने आया दिलचस्प आंकड़ा

दूसरा दिलचस्प आंकड़ा बिहार के मिथिलांचल इलाके का है. मिथिलांचल आमतौर पर भाजपा के प्रभुत्व वाला इलाका माना जाता है, वहां से 8.6% वोटरों को वोटर लिस्ट से बाहर किया गया. मोटे तौर पर मिथलांचल का इलाका काफी विस्तार वाला है और इसमें दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, मधुबनी,  सीतामढ़ी, और शिवहर जैसे जिले आते हैं. इस पूरे इलाक़े में कुल 58 विधानसभा सीटें हैं जिसमें से 38 एनडीए के पाले में गई थी और 20 महागठबंधन ने जीती थी, 2020 चुनाव में.

भोजपुर इलाके में 8.54 प्रतिशत वोटरों के नाम कटे

वोटर लिस्ट से नाम कटने वालों की संख्या में बिहार का भोजपुर इलाका तीसरे नंबर पर आता है. अगर आप भोजपुर इलाके की बात करें तो उसमें भोजपुर जिला के अलावा बक्सर, कैमूर, रोहतास, सारण, सीवान, गोपालगंज जैसे जिले आते हैं यानी वो सारे जिले जहाँ की भाषा मूलतः भोजपुरी है. भोजपुर इलाके से 8.54% लोगों के नाम वोटर लिस्ट से बाहर किए गए हैं. 

भोजपुर महागठबंधन की गढ़, 46 में से 34 सीटें जीती

अगर 2020 के आंकड़ों पर नजर डालें है तो इस इलाके में कुल विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 46 है, जिसमें एनडीए को करारी हार का सामना करना पड़ा था और वह केवल 11 सीटें जीत पाई थी. वहीं महागठबंधन ने इस पूरे इलाके पर अपना दबदबा दिखाते हुए 34 सीटों पर कब्जा किया था. 2020 के आंकड़ो के मुताबिक भोजपुर का इलाक़ा महागठबंधन के दबदबे वाला इलाक़ा माना जा सकता है और एनडीए को यहां कड़ी मशक्कत की जरूरत है. ऐसे में 8.57% वोटरों को वोटर लिस्ट से बाहर होना चुनाव के परिणामों पर 2025 में क्या असर डालेगी यह देखना दिलचस्प होगा.

Latest and Breaking News on NDTV


कोसी इलाके का हाल समझिए

आंकड़ों के हिसाब से चौथे नंबर पर बिहार का कोसी का इलाका है. यह इलाका बाढ के लिए अभिशप्त है. कोसी क्षेत्र में सहरसा,  मधेपुरा और सुपौल जिले आते हैं. यह इलाका सीमांचल और मिथिला दोनों इलाकों से सटा हुआ है. ये इलाक़ा 2020 के आंकड़ों के मुताबिक NDA का गढ़ माना जा सकता है. कुल मिला कर 13 विधानसभा सीटों वाला यह इलाका 3 सीट महागठबंधन की झोली में डालता है और वही 10 सीटें एनडीए लेके जाती है.  कोसी से इस वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण के बाद 8% वोटर को बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

चंपारण से 7.2 प्रतिशत वोटरों के नाम कटे

फैलाव और क्षेत्रफल के हिसाब से बिहार के सबसे बड़े जिले हैं- पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण, जहां कुल 21 विधानसभा सीटें हैं जिसमें से 2020 में 17 सीटें एनडीए के पाले में गई थी और 4 महागठबंधन के पाले में . चम्पारण इलाके से 7.2. प्रतिशत वोटर इस सूची से बाहर हो गए है.

Latest and Breaking News on NDTV

अंग क्षेत्र से 7.12 प्रतिशत वोटरों के नाम कटे

अब बात करते हैं बिहार के अंग प्रदेश की जहां भागलपुर को मोटे तौर पर अंग प्रदेश की राजधानी माना जा सकता है. इसके पास के जिले यानी खगड़िया,  बाँका, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, बेगूसराय और शेखपुरा है. अंग प्रदेश से 7.12% वोटरों को बाहर किया गया है.

यहां 2020 के चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक कुल विधानसभा सीटों की संख्या 34 है, जिसमें से 20 यानी आधे से थोड़ा ज्यादा एनडीए के पाले में गई थी और 12 सीटें महागठबंधन ने हथियाई थी,  वहीं एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी और एक लोजपा ने.

मगध क्षेत्र पर सबसे कम प्रभाव, मात्र 6.98 प्रतिशत वोटर घटे

अगर बिहार में वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण से सबसे कम प्रभावित क्षेत्र माना जाए तो वो है मगध का इलाका.  मगध यानी कि गया,  नवादा,  औरंगाबाद,  जहानाबाद,  अरवल,  पटना एवं नालंदा. राजनीति के केंद्र रहे इस इलाके में सीटों की कुल संख्या 47 है और 2020 में एनडीए को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा था. 47 में से 17 सीटें एनडीए के पाले में गई थी वहीं महागठबंधन ने 30 सीटें हथिया ली थी यानी कि महागठबंधन का पलड़ा भारी था. यहां पे कुल 6.98%. वोटरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

Latest and Breaking News on NDTV

अब आगे क्या होगा

अब जबकि ये सारे आंकड़े चुनाव आयोग के वेबसाइट पर मौजूद हैं एवं राजनीतिक दलों को सौंप दिए गए हैं तो इसे सभी राजनीतिक दलों द्वारा गहन विवेचना होगी. इन आंकड़ों को लोग अपने अपने हिसाब से तौलेंगे और इसका विश्लेषण निकालेंगे. 

इन आंकड़ों के नतीजे भी सभी राजनीतिक दलों के लिए अपने अपने हिसाब से अलग-अलग मायने रखेंगे. कुल मिला के इतना तो साफ है कि 2025 के बिहार चुनाव में वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहेगा और जैसे इस मुद्दे पर दिल्ली के संसद, बिहार के विधानसभा और बिहार की सड़कों पर हंगामा होता दिख रहा है, वैसे ही चुनावी रैलियों और सभाओं में भी इसका शोर गूंजता रहेगा.

यह भी पढ़ें - NDA के दबदबे वाले इलाके में सबसे अधिक वोटर कटे, महागठबंधन के गढ़ में सबसे कम

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com