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This Article is From Dec 03, 2015

बिहार में 'तीर-धनुष' के कारण 'तीर' ने खाई पटखनी, जद-यू बदलेगी चुनाव चिन्ह

बिहार में 'तीर-धनुष' के कारण 'तीर' ने खाई पटखनी, जद-यू बदलेगी चुनाव चिन्ह
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जनता दल यूनाइटेड अब अपना चुनाव चिन्ह बदलने की कोशिश कर रही है। विधानसभा चुनाव में पार्टी के कई प्रत्याशियों की हार का कारण शिवसेना के प्रत्याशियों का मैदान में होना था। शिवसेना के प्रत्याशियों को जितने वोटे मिले हैं उतने अंतर से जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशियों की हार हुई है।

भ्रमित होते हैं मतदाता
जनता दल यूनाइटेड का रोना है कि उसका चुनाव चिन्ह तीर है जबकि शिवसेना का तीर-धनुष। मतदान के दौरान जद-यू के समर्थक तीर और तीर धनुष में अंतर नहीं कर पाते। गत चुनाव में लखीसराय, गुरुवा, भभुआ जैसी कई सीटों पर जनता दल यूनाइटेड अपनी हार के लिए शिवसेना प्रत्यशियों का मैदान में होना मानती है। पार्टी नेताओं का कहना है कि अगर इन सीटों पर जद-यू के प्रत्याशियों को मिले वोटों में शिवसेना के प्रत्याशियों के वोट जोड़ दिए जाएं तो उनके प्रत्याशियों की जीत निश्चित थी।

जनता दल का 'चक्र' पाने के लिए प्रयास
चाहे शरद यादव हों या नीतीश कुमार, हर विधानसभा चुनाव के बाद वे यही दावा करते हैं कि शिवसेना के चुनाव चिन्ह के कारण मतदाताओं में भ्रम की स्थिति न रहे, इसलिए वे जल्द ही पार्टी का चुनाव चिन्ह 'तीर' बदलने की कोशिश करेंगे। लेकिन अब पार्टी के नेताओं ने मन बना लिया है कि जल्द से जल्द वे चुनाव आयोग को अपना चुनाव चिन्ह बदलने की अर्जी देंगे। कोशिश की जाएगी कि जनता दल का पुराना चुनाव चिन्ह चक्र उसे मिल जाए।

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