पटना:
बिहार के शिक्षामंत्री पीके शाही ने कहा कि ऑर्गेनिक फास्फोरस की मिलावट का शक है। उनका कहना है कि बच्चों ने खराब सब्जी की शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भोजन में जहर था।
उन्होंने कहा कि तीन बच्चों की हालत अभी भी नाजुक है। इलाज चल रहा है। शाही ने कहा कि सभी बीमार लोगों के इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। जो भी गंभीर थे उन्हें पटना लाया गया है। इसी वजह से तमाम बच्चों को बचाया जा सका है। उनका दावा है कि राज्य में उपलब्ध बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। प्रशासनिक तौर पर की गई जांच में चकित करने वाले तथ्य सामने आए हैं। शाही का कहना है कि विद्यालय की शिक्षिका मीना कुमारी को डिपुटेशन के आधार पर यहां लाया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि यह डिपुटेशन राजनीतिक दबाव में किया गया। मीना कुमारी के पति अर्जुन राय एक राजनीतिक दल के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। राय की अपनी किराना की दुकान है जहां से स्कूल के लिए सामान खरीदा जाता था। राय के चचेरे भाई ध्रुव राय हैं जो एक दल के बड़े नेता हैं। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर एक बड़े राजनीतिक दल पर साजिश का आरोप लगाया।
मंत्री का कहना है कि स्कूल के रसौये का कहना है कि जब सब्जी बनाने के क्रम में तेल का प्रयोग किया जा रहा था तो उसका रंग कुछ अलग था। बनाने वाली महिला ने यह बात शिक्षिका के संज्ञान में लाया, लेकिन शिक्षिका ने कहा कि यह घर के पेराया तेल है और खाना बनाने का आदेश दिया।
खाना बनने के बाद बनाने वाली महिला ने भी इस वजह से खुद भी खाना चखा जिसकी वजह से उसकी भी तबीयत खराब हो गई। शाही ने कहा कि एक बड़े नेता के अंगरक्षक भी सप्लायर हैं।
शाही का कहना है कि बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि भोजन में ऑर्गेनिक फासफोरस की मात्रा है जिसे खाने से बच्चों की मौत हुई है। उनकी राय है कि इस मामले में जहर का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि यह चकित करने वाला तथ्य है कि महिला का डिपुटेशन आखिर यहां क्यों किया गया और उसके पति की दुकान से ही सामान क्यों खरीदा गया।
उन्होंने कहा कि तीन बच्चों की हालत अभी भी नाजुक है। इलाज चल रहा है। शाही ने कहा कि सभी बीमार लोगों के इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। जो भी गंभीर थे उन्हें पटना लाया गया है। इसी वजह से तमाम बच्चों को बचाया जा सका है। उनका दावा है कि राज्य में उपलब्ध बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। प्रशासनिक तौर पर की गई जांच में चकित करने वाले तथ्य सामने आए हैं। शाही का कहना है कि विद्यालय की शिक्षिका मीना कुमारी को डिपुटेशन के आधार पर यहां लाया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि यह डिपुटेशन राजनीतिक दबाव में किया गया। मीना कुमारी के पति अर्जुन राय एक राजनीतिक दल के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। राय की अपनी किराना की दुकान है जहां से स्कूल के लिए सामान खरीदा जाता था। राय के चचेरे भाई ध्रुव राय हैं जो एक दल के बड़े नेता हैं। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर एक बड़े राजनीतिक दल पर साजिश का आरोप लगाया।
मंत्री का कहना है कि स्कूल के रसौये का कहना है कि जब सब्जी बनाने के क्रम में तेल का प्रयोग किया जा रहा था तो उसका रंग कुछ अलग था। बनाने वाली महिला ने यह बात शिक्षिका के संज्ञान में लाया, लेकिन शिक्षिका ने कहा कि यह घर के पेराया तेल है और खाना बनाने का आदेश दिया।
खाना बनने के बाद बनाने वाली महिला ने भी इस वजह से खुद भी खाना चखा जिसकी वजह से उसकी भी तबीयत खराब हो गई। शाही ने कहा कि एक बड़े नेता के अंगरक्षक भी सप्लायर हैं।
शाही का कहना है कि बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि भोजन में ऑर्गेनिक फासफोरस की मात्रा है जिसे खाने से बच्चों की मौत हुई है। उनकी राय है कि इस मामले में जहर का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि यह चकित करने वाला तथ्य है कि महिला का डिपुटेशन आखिर यहां क्यों किया गया और उसके पति की दुकान से ही सामान क्यों खरीदा गया।
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