
- बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि दो चरणों में वोटिंग होगी
- पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर गुरुवार और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर मंगलवार को होगा
- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार चुनाव के वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी
Bihar Election Date Announcement: चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में चुनाव दो फेज में होंगे. पहला चरण 6 नवंबर गुरुवार और दूसरा चरण 11 नवंबर मंगलवार को होगा. मतगणना 14 नवंबर को होगी.
"बिहार चुनाव 2025 दो चरणों में होंगे, पहला चरण 6 नवंबर को, दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी"
— NDTV India (@ndtvindia) October 6, 2025
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले CEC ज्ञानेश कुमार#BiharElections2025 | #ElectionsWithNDTV | #ElectionCommission | #BiharElectionsWithNDTV | #GyaneshKumar pic.twitter.com/SlfqfP2DxW
सीईसी ने बताया कि चुनाव के लिए पहले चरण का नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा. दूसरे चरण के लिए 13 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी. स्क्रूटिनी 18 और 21 अक्टूबर तक होगी. नामाकंन वापसी की आखिरी तारीख क्रमशः 17 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को होगी.

सीईसी ने बताया कि बिहार विधानसभा में कुल सीटें 243 हैं, एससी के लिए 38 और एसटी के लिए 2 सीटें रिजर्व हैं. इस बार कुल वोटर 7.42 करोड़ हैं. इसमें पुरुष 3.92 करोड़ और महिला वोटर 3.5 करोड़ हैं. सीनियर सिटिजन की संख्या 4 लाख है. 100 साल से ज्यादा उम्र वाले वोटरों की संख्या 14 हजार है. पहली बार वोट डालने वाले वोटरों की संख्या 14 लाख है.

बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने पिछले दो दिनों में बिहार का दौरा किया था और सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी. बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इससे पहले कहा था कि समय सीमा से पहले चुनाव करा लिए जाएंगे. बिहार चुनाव के पहले एसआईआर की प्रक्रिया कराई गई थी, जिसको लेकर काफी हो-हल्ला मचा था.

सीईसी ने मतदाता सूचियों के गहन रिवीजन (SIR) का जिक्र करते हुए बताया कि 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पेश की गई और सभी दलों को दी गई. उसके बाद आपत्तियों और संशोधन का भरपूर समय दिया गया. उसके बाद पात्रता का परीक्षण हुआ और 30 सितंबर को फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई. ये सूची सभी दलों को दी जा चुकी है. अगर अभी भी कोई गलती रह गई हो या कमी रह गई हो तो उसमें संशोधन के लिए अभी भी आवेदन दिया जा सकता है.
सीईसी ने कहा कि कई बार चुनाव अधिकारी मॉक पोल का डेटा डिलीट करना भूल जाते हैं. इसी वजह से काउंटिंग के दौरान वीवीपैट से मिलान नहीं हो पाता. ऐसे में किसी भी शंका को दूर करते हुए जब भी जरूरत होगी, वीवीपैट से मिलान किया जाएगा. पोस्टल बैलट की गिनती को लेकर सीईसी ने बताया कि अब आखिरी दो राउंड से पहले डाक मतों की गिनती पूरी करना अनिवार्य होगा.
Bihar Election Dates: बिहार चुनाव की खास बातें
सीईसी ने राजनीतिक दलों से कहा है कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने इलेक्शन एजेंट की नियुक्ति तय करें और फॉर्म 17सी तक मतदान प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहें.बिहार चुनाव में इस बार वोटर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बूथ पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200 कर दी गई है. वोटर्स को मोबाइल फोन रखने की छूट मिलेगी. ईवीएम पर बड़े अक्षरों में मतदाताओं का नाम होगा और उनकी रंगीन तस्वीर होगी.

बिहार चुनाव के दौरान वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बनाया जाएगा.मतदाताओं और उम्मीदवारों को चुनाव संबंधी सभी सूचना एक ही स्थान पर मुहैया कराई जाएगी. बूथ से 100 मीटर की दूरी तक प्रत्याशी अपने एजेंट को तैनात कर सकेंगे. बिहार के सभी मतदान केंद्रों पर 100 फीसदी वेबकास्टिंग होगी, ताकि निगरानी सही ढंग से की जा सके. ईवीएम पर सीरियल नंबर भी बड़े अक्षरों में होगा.
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बिहार चुनाव के पहले एनडीए और इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा भी तेज हो गई है. रविवार को BJP चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ ललन सिंह, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने सीटों की साझेदारी पर बैठक की. माना जा रहा है कि 243 सीटों में से 203 बीजेपी और जेडीयू के बीच बंटेंगी. जबकि 40 सीटों का बंटवारा उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा, जीतन राम मांझी की हम और चिराग पासवान की पार्टी के बीच होगी.
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राजद में भी सीटों के बंटवारे को लेकर 5 अक्टूबर को आरजेडी महासचिव तेजस्वी यादव के घर पर बैठक हुई. इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, वाम दलों और अन्य घटक दलों के नेता शामिल हुए. कांग्रेस पिछली बार 70 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन इस बार उसकी सीटें घटकर 50-55 रह सकती हैं. कांग्रेस विधानसभा चुनाव 2020 में सिर्फ 19 सीटें जीत पाई थी. जबकि लेफ्ट पार्टी ने 19 सीटें जीती थीं. ऐसे में सीपीएम, सीपीआई और सीपीआई एमएल इस बार सीटें बढ़ाने के लिए जोर लगा रहे हैं. विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी, हेमंत सोरेन की झामुमो और पशुपति पारस को भी गठबंधन दलों में सीटों के साथ हिस्सेदारी दी जानी है.
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