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बिहार चुनाव का ऐलान आज, कांग्रेस के नए दांव से क्या महागठबंधन में सीट बंटवारे पर फंसेगा पेंच?

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले महागठबंधन और सत्तारूढ़ गठबंधन में सीटों की साझेदारी को लेकर कवायद तेज हो गई है. महागठबंधन की बैठक सीटों की साझेदारी पर हुई.

बिहार चुनाव का ऐलान आज, कांग्रेस के नए दांव से क्या महागठबंधन में सीट बंटवारे पर फंसेगा पेंच?
Bihar Election
  • बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और अन्य दलों के बीच चर्चा तेज हो गई है
  • कांग्रेस की सीटों में कटौती हो सकती है, जो पिछले चुनाव में मिली 70सीटों के मुकाबले घटकर 55 तक रह सकती है
  • वाम दल पिछले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर अपनी सीटों का कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं
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पटना:

Bihar Election 2025 Date Announcement: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ जेडीयू-बीजेपी और विपक्षी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के लिए जोर आजमाइश तेज हो गई है. महागठबंधन के घटक दलों की रविवार को राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय में बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस, राजद या अन्य घटक दलों के नेताओं ने भले ही ऑल इज वेल की बात कही है, लेकिन गठबंधन के भीतर सीटों को लेकर जोर आजमाइश तेज होने के संकेत मिले हैं.अंदरखाने से मिली के मुताबिक, महागठबंधन में सबसे बड़ा पेंच कांग्रेस की सीटों को लेकर है. कांग्रेस पिछली बार 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसे 19 सीटों पर ही जीत मिली थी. छोटे दलों के दबाव के बीच कांग्रेस की सीटें घटने के आसार हैं.माना जा रहा है कि कांग्रेस की सीटें 70 से घटकर 50-55 पर आ सकती हैं. 

हालांकि कांग्रेस क्या इसके लिए कितना तैयार होगी, ये देखने वाली बात होगी. मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पत्ते न खोलने की रणनीति के पीछे भी कांग्रेस का यही गेमप्लान माना जा रहा है. महागठबंधन के पिछले चुनाव में हार को लेकर भी कई दलों ने ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ने की कोशिश की थी. 

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कांग्रेस का पसंदीदा सीटों का तर्क
ज्यादा सीटों पर लड़ने और कम सीटें जीतने के दबाव के बीच कांग्रेस ने सीटों के बंटवारे में नया तर्क पेश किया है. कांग्रेस ने इसके लिए जिताऊ सीटों की मांग रख दी है. कांग्रेस ने ऐसी विनिंग सीटों को लेकर आंतरिक सर्वे भी कराया है. लेकिन उसके जिताऊ समीकरण में कई ऐसी सीटें भी आ रही हैं, जो अभी राजद की विनिंग सीटें हैं. कांग्रेस की यह डिमांड नया पेंच फंसा सकती है. कांग्रेस की कोशिश होगी कि सीटें कम करने की एवज में वो कुछ अच्छी सीटें हासिल करे ताकि उसका प्रदर्शन सुधरे. 

वाम दलों का कोटा बढ़ेगा या नहीं 
महागठबंधन में शामिल वाम दलों सीटों की साझेदारी को लेकर लगातार अपने बेहतर स्ट्राइक रेट की दुहाई दे रहे हैं. सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (एमएल) ने मिलकर पिछली बार 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उन्हें 16 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. भाकपा (माले) ने 19 लड़ी सीटों में से 12 सीटें जीतकर सबको हैरत में डाला था. ऐसे में लेफ्ट पार्टी का कोटा इस बार बढ़ सकता है. ये 35 सीटों तक जा सकता है, हालांकि ये बहुत कुछ निर्भर करेगा कि कांग्रेस का आंकड़ा कितनी सीटों पर आकर ठहरता है. 

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मुकेश सहनी का डिप्टी सीएम पर दांव
विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी ने तो एक कदम आगे जाकर डिप्टी सीएम पद की दावेदार ठोक दी है. सहनी का कहना है कि उन्हें सीटें कितनी भी मिलें, लेकिन वो बिहार में उप मुख्यमंत्री जरूर बनेंगे. सहनी की सीटें 20 के आसपास रह सकती है, लेकिन राजद को पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की (आरएलजेपी) और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो को भी कुछ सीटें देनी पड़ सकती हैं. ऐसे में राजद की सीटों का आंकड़ा 115 से 120 के आसपास रह सकता है. 

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया के नेताओं की बैठक रविवार को तेजस्वी यादव के घर पर हुई. इसमें चर्चा के बाद कहा गया कि सीट के बंटवारे का फॉर्मूला अगले दो दिनों में साझा किया जाएगा. राजद नेता और गठबंधन की समन्वय समिति के प्रमुख तेजस्वी यादव के आवास पर देर शाम तक चली ये बैठक हुई. इस बहुदलीय बैठक में कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) समेत सभी घटक दलों के नेता शामिल हुए थे. सहनी ने पिछले साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए छोड़कर इंडिया गठबंधन का दामन थामा था. इससे पहले 2020 के विधानसभा चुनाव में अपनी सीट हारने के बावजूद मंत्री बनाए गए थे.

राजद महासचिव आलोक मेहता ने सीट बंटवारे पर कहा कि ज्यादातर बातें तय हो चुकी हैं, कुछ मुद्दे बाकी हैं, जिन पर 1-2 दिन में फैसला हो जाएगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार और पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरू का कहना था कि सीट बंटवारे और संभावित उम्मीदवारों पर हम अपनी बात रखेंगे.

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