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बिहार चुनाव में मतदान से एक दिन पहले और मतदान के दिन प्रिंट विज्ञापनों के लिए पूर्व अनुमति जरूरी- चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्री पोल विज्ञापन और पोल डे विज्ञापन के लिए दिशानिर्देश जारी किया है. आयोग ने सभी दलों को इसके लिए पूर्व अनुमति के लिए कहा है.

बिहार चुनाव में मतदान से एक दिन पहले और मतदान के दिन प्रिंट विज्ञापनों के लिए पूर्व अनुमति जरूरी- चुनाव आयोग
चुनाव आयोग का आदेश
नई दिल्ली:

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान निष्पक्ष प्रचार वातावरण सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को नए दिशा निर्देश जारी किया. चुनाव आयोग के ताज़ा निर्देश में कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा, जब तक कि उसकी विषय-वस्तु राज्य/जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति द्वारा पूर्व-प्रमाणित न हो.

बिहार के लिए ये प्रतिबंध 5 और 6 नवंबर, 2025 (चरण-I के लिए) और 10 और 11 नवंबर, 2025 (चरण-II के लिए) को लागू रहेंगे. चुनाव आयोग ने बिहार विधान सभा के आम चुनाव, 2025 और आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के लिए मतदान की तिथियां 6 नवंबर, 2025 (गुरुवार) और 11 नवंबर, 2025 (मंगलवार) निर्धारित की हैं.

प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पूर्व-प्रमाणन के आवेदकों को विज्ञापन के प्रकाशन की प्रस्तावित डेट से दो दिन पहले मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति में आवेदन करना होगा. समय पर पूर्व-प्रमाणन की सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य/जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति को ऐसे विज्ञापनों की जांच और पूर्व-प्रमाणन के लिए सक्रिय किया गया है, और यह सुनिश्चित किया गया है कि निर्णय शीघ्रता से लिए जाएं. 

दरअसल चुनाव आयोग बिहार में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और सभी राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई स्तर पर जरूरी कदम उठा रहा है. इससे पहले चुनाव आयोग ने रविवार को बिहार में चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों की बारीकी से निगरानी करने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया. चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 (Article 324) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) की धारा 20बी (Section 20B) के तहत मिले अधिकार के तहत स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में सहायता के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों (Central Observers) की नियुक्ति करता है.

आयोग ने बिहार विधान सभा चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए 121 सामान्य पर्यवेक्षकों और 18 पुलिस पर्यवेक्षकों तथा दूसरे चरण के लिए 20 पुलिस पर्यवेक्षकों के साथ-साथ 122 सामान्य पर्यवेक्षकों को पहले ही तैनात कर दिया है. 8 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों की निगरानी के लिए भी 8 सामान्य और 8 पुलिस पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है. चुनाव आयोग के मुताबिक, विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में तैनाती के बाद सभी पर्यवेक्षकों ने अपने-अपने आवंटित निर्वाचन क्षेत्रों का पहला दौर पूरा कर लिया है और अब वे अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वापस तैनात हो गए हैं

आयोग के अनुसार, "भारत निर्वाचन आयोग ने पर्यवेक्षकों को पूरी चुनाव प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी करने और पारदर्शी, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए पूरी तरह से उपलब्ध रहें और यह सुनिश्चित करें कि उनकी शिकायतों का निवारण हो". पर्यवेक्षकों को मतदान केंद्रों का दौरा करने और मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग द्वारा हाल ही में शुरू की गई पहलों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है.


 

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