'अग्निपथ' स्कीम ('Agneepath' Scheme) को लेकर बिहार में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन (Protest in Bihar) हुए हैं, जहां गुस्साई भीड़ ने दर्जनों ट्रेनों में आग लगा दी और कई शहरों और कस्बों में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. जिससे पुलिस को राज्य के लगभग एक तिहाई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद (Internet Service Down) करनी पड़ी. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, रेलवे संपत्तियों की तोड़फोड़ से अकेले बिहार में ₹200 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. वहीं, राज्य के डीजीपी (DGP) का कहना है कि एक 'धारणा' बनाई जा रही है कि पुलिस बिहार में विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए समय पर कार्रवाई करने में विफल रही है.
अग्निपथ स्कीम के बाद ये सत्य हैं कि सर्वाधिक हिंसा @NitishKumar के शासन वाली बिहार में हुई जहां @BJP4Bihar की माने तो पुलिसकी निष्क्रियता के कारण रेलवे को इतना क्षति उठाना पड़ा लेकिन राज्य के डीजीपी के अनुसार ये पर्सेप्शन बनाया गया @ndtvindia pic.twitter.com/QTKjL0jOY0
— manish (@manishndtv) June 18, 2022
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसके सिंघल से जब हिंसा पर काबू पाने में पुलिस की नाकामी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "यह आपकी धारणा है."
बिहार में शुक्रवार को 'अग्निपथ' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया, जब उग्र भीड़ ने दर्जनों रेलवे डिब्बों, इंजनों और स्टेशनों में आग लगा दी और भाजपा कार्यालयों, वाहनों और अन्य संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया. उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर को भी विरोध प्रदर्शन के दौरान बख्शा नहीं गया.
राज्य के 38 में से 18 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, क्योंकि पुलिस सोशल मीडिया पर जनता के गुस्से को शांत करने की कोशिश कर रही है.
'अग्निपथ' भर्ती योजना के खिलाफ बुलाए गए बंद को सफल बनाने की कोशिश में आज सुबह प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और कई शहरों और कस्बों में कई वाहनों में आग लगा दी.
राज्य में अब तक कम से कम 325 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन घटनाओं के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की संख्या अब 60 हो गई है, जो पिछले दिन के आंकड़े से ढाई गुना है.
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