बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर डीजीपी से खास बातचीत
- बिहार में हाल के दिनों में हत्या और अन्य आपराधिक घटनाओं में वृद्धि ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
- डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि राज्य में अपराध को काफी हद तक कम किया गया है और अपराध मुक्त बिहार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
- पिछले पच्चीस वर्षों में हत्या की संख्या में कमी आई है, जो 4000 से घटकर अब लगभग 2700 हो गई है.
बिहार में लागातर होती आपराधिक घटनाओं ने राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े किए हैं. बीते कुछ दिनों में पटना समेत सूबे के दूसरे जिलों में हत्या और अपराध की दूसरी घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हुई है. NDTV ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर बिहार के डीजीपी विनय कुमार से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान विनय कुमार ने कहा कि हम अपराध मुक्त बिहार चाहते हैं. जहां तक बाद राज्य में आपराधिक घटनाओं की बात करें तो हमने इसपर काफी हद तक कमी लाई है.
विनय कुमार ने कहा कि मीडिया का प्रेशर हमारे लिए अच्छा है. हमने अपराध को काफी हद तक कम किया है. इस बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. हम लगातार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि अपराध नियंत्रण के लिए सभी प्रकार के उपाय किए जा रहे हैं. अगर हम समय के हिसाब से अपराध की घटनाओं की बात करेंगे तो आज से 25 साल पहले करीब 4000 हत्याएं होती थी. इसके बाद से हत्याओं की संख्या में लगातार कमी आई है, आज स्थिति ये है कि अब ये संख्या 2700 हत्याएं आई है. 2004 से 2025 में हत्या की संख्या में 1300 की कमी आई है. हत्या एक ऐसा अपराध है जिनमें से कुछ को रोका जा सकता है. लेकिन ज्यादातर हत्याएं जमीन विवाद और लव अफेयर के कारण होता है. पुलिस कई बार इसे रोक पाने में सफल भी होती है.
आज पटना के निजी अस्पताल में जिनको गोली मारी गई है वो एक दुरदांत अपराधी रहा है. इस शख्स पर तीन दर्जन अपराधिक मामले दर्ज हैं. ये कुछ दिन पहले ही इलाज कराने के लिए पेरोल पर छुटा था. ये जांच का विषय है कि आखिर अस्पताल में सुरक्षा में किस तरह की चूक हुई है. ये जांच का विषय है कि कैसे अपराधी बगैर रोक टोक अंदर तक चले गए.
जो सीसीटीवी फुटेज आया है उसके अनुसार अपराधियों की पहचान कर ली गई है. इन अपराधियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. हम अगले दो से तीन दिन में इन अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लेंगे.
आपराधिक घटनाओं का चुनाव से कनेक्शन पर डीजीपी ने कहा कि देखिए हत्याएं की घटनाएं के बाद से घटनी शुरू हुई थी. पिछले साल में पटना के अंदर 349 घटनाएं हुई थी हत्याओं की घटनानाए, जुलाई में 50 के करीब घटनाएं हुई थी. मई जून औऱ जुलाई में हर बार अपराध की संख्या बढ़ जाती है. इसका कारण ये है कि इस समय फसल भी कट जाती है तो लोग ज्यादा फ्री होते हैं.
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