नीतीश कुमार की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का मजाक उड़ाया और केंद्र से अधिकार मांगने वाले लोगों के प्रति अपमान का भाव व्यक्त किया।
मोदी को आड़े हाथ लेते हुए नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पैकेज की घोषणा इस तरह से की जैसे बिहार की नीलामी हो रही हो और बोली लगाई जा रही हो। उन्होंने मोदी पर सहयोगात्मक संघवाद के विरुद्ध जाने का आरोप लगाया।
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘एक तरफ वह कहते हैं कि मैं याचक हूं और दूसरी तरफ वह मुझ पर अहंकारी होने का आरोप लगाते हैं। यह बहुत विरोधाभासी है। मैं बिहार के हित के लिए केंद्र के सामने याचना करने को तैयार हूं। वह प्रधानमंत्री हैं और जो चाहे कह सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं और इसके विपरीत काम करते हैं। वह राज्य सरकार का अपमान करेंगे, इसे अक्षम कहेंगे। यह किस तरह का सहयोगात्मक संघवाद है।’’
मोदी की घोषणा के बाद केंद्र द्वारा विशेष पैकेज में उल्लेखित अनेक योजनाओं का हवाला देते हुए नीतीश ने कहा कि इनमें से अनेक के प्रस्ताव दिल्ली में पहले से ही लंबित हैं और कई अन्य के वादे केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इनमें कुछ नया नहीं है। उन्हें यह देना ही था। वह कोई एहसान नहीं कर रहे। नया क्या है?’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह जिस तरह बोलते हैं, उससे लगता है कि उनमें अपमान का भाव है। ऐसा लगता है कि बिहार के लिए बोली लगाई जा रही हो। अहंकारी कौन है?’’
बिहार के ‘बीमारू’ राज्य के दर्जे की बहस के संबंध में प्रधानमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या वे सभी राज्य ‘बीमारू’ थे जिन्हें पहले विशेष पैकेज दिए गए। उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा काम करने वालों की पीठ थपथपाने के बजाय वे मजाक उड़ा रहे हैं।’’
नीतीश ने कहा कि उनके कार्यकाल में बिहार ने विकास के सभी पैमानों पर अच्छा काम किया है।
इससे पहले आज एक कार्यक्रम में मोदी ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने राजनीतिक फायदों के लिए राज्य की साख दांव पर लगा दी।
मोदी को आड़े हाथ लेते हुए नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पैकेज की घोषणा इस तरह से की जैसे बिहार की नीलामी हो रही हो और बोली लगाई जा रही हो। उन्होंने मोदी पर सहयोगात्मक संघवाद के विरुद्ध जाने का आरोप लगाया।
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘एक तरफ वह कहते हैं कि मैं याचक हूं और दूसरी तरफ वह मुझ पर अहंकारी होने का आरोप लगाते हैं। यह बहुत विरोधाभासी है। मैं बिहार के हित के लिए केंद्र के सामने याचना करने को तैयार हूं। वह प्रधानमंत्री हैं और जो चाहे कह सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं और इसके विपरीत काम करते हैं। वह राज्य सरकार का अपमान करेंगे, इसे अक्षम कहेंगे। यह किस तरह का सहयोगात्मक संघवाद है।’’
मोदी की घोषणा के बाद केंद्र द्वारा विशेष पैकेज में उल्लेखित अनेक योजनाओं का हवाला देते हुए नीतीश ने कहा कि इनमें से अनेक के प्रस्ताव दिल्ली में पहले से ही लंबित हैं और कई अन्य के वादे केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इनमें कुछ नया नहीं है। उन्हें यह देना ही था। वह कोई एहसान नहीं कर रहे। नया क्या है?’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह जिस तरह बोलते हैं, उससे लगता है कि उनमें अपमान का भाव है। ऐसा लगता है कि बिहार के लिए बोली लगाई जा रही हो। अहंकारी कौन है?’’
बिहार के ‘बीमारू’ राज्य के दर्जे की बहस के संबंध में प्रधानमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या वे सभी राज्य ‘बीमारू’ थे जिन्हें पहले विशेष पैकेज दिए गए। उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा काम करने वालों की पीठ थपथपाने के बजाय वे मजाक उड़ा रहे हैं।’’
नीतीश ने कहा कि उनके कार्यकाल में बिहार ने विकास के सभी पैमानों पर अच्छा काम किया है।
इससे पहले आज एक कार्यक्रम में मोदी ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने राजनीतिक फायदों के लिए राज्य की साख दांव पर लगा दी।
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