बिहार : रूस का अलेक्जेंडर भारत आकर बना आलोक बाबा, बनवाया फर्जी आधार कार्ड, फिर ऐसे हुआ खुलासा

पुलिस के गिरफ्त में आने के बाद रूसी नागरिक अलेक्जेंडर ने बताया कि वो 2020 में टूरिस्ट वीजा पर 3 महीने के लिए भारत आया था. इसी दौरान कोरोना के कारण लॉकडाउन हुआ, जिसमें वो फंस गया और बंगाल में रहने लगा. अपना नाम अलेक्जेंडर की जगह आलोक बाबा रख लिया.

बिहार : रूस का अलेक्जेंडर भारत आकर बना आलोक बाबा, बनवाया फर्जी आधार कार्ड, फिर ऐसे हुआ खुलासा

बिहार के नालंदा में रुसी नागरिक गिरफ्तार

पटना/नालंदा: बिहार के नालंदा थाना पुलिस ने भारत मे अवैध तरीके से रह रहे एक रूसी नागरिक अलेक्जेंडर उर्फ आलोक बाबा को नालंदा स्थित मेडिटेशन सेंटर से गिरफ्तार किया है. इसके पास से जो वीजा बरामद किया गया है, जिसमें ओवर राइट कर 2020 के जगह 2024 किया गया है. इसके अलावे इसके आधार कार्ड में बंगाल का पता है, जब की ये रूस का रहने वाला है.

बताया जाता है कि ये रूसी नागरिक 3 जुलाई को नालंदा आया और महाविहार स्थित मेडिटेशन सेंटर में 10 दिन का प्रशिक्षण लेने गया. महाविहार संस्थान द्वारा इससे पासपोर्ट, वीजा और आधार कार्ड का मूल प्रति का मांगा गया. इसके रूसी नागरिक द्वारा सभी दस्तावेज की फोटो कॉपी सौंपा गया. जांच के दौरान महाविहार संस्थान को पता लगा कि इसके पास जो वीजा है वो 2020 का वीजा है और टूरिस्ट वीजा है, जिसकी अवधि मात्र 3 महीने की थी. लेकिन इसने फर्जी तरीके उसे 2023 तक का कर दिया है और इसके पास जो आधार कार्ड है उसमे बंगाल का पता है.

महाविहार संस्थान ने इस मामले की सूचना नालंदा थाने पुलिस को दी. इसके बाद नालंदा थानाध्यक्ष द्वारा मामले की जांच की गई और इस संबंध में राजदूत ऑफिस से पता चला कि ये फर्जी दस्तावेज के सहारे भारत मे पिछले तीन साल से रह रहा है. इसके बाद  अलेक्जेंडर उर्फ आलोक बाबा को गिरफ्तार किया गया और इसके पास से मोबाइल फोन, कैमरा और कई दस्तावेज को जब्त किया गया है. 

पुलिस के गिरफ्त में आने के बाद रूसी नागरिक अलेक्जेंडर ने बताया कि वो 2020 में टूरिस्ट वीजा पर 3 महीने के लिए भारत आया था. इसी दौरान कोरोना के कारण लॉकडाउन हुआ, जिसमें वो फंस गया और बंगाल में रहने लगा. अपना नाम अलेक्जेंडर की जगह आलोक बाबा रख लिया. इसी दौरान उसने बंगाल में ही अपना नाम पर आधार कार्ड भी बनवा लिया. फिलहाल, पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है.

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इस मामले में राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि महावविहार द्वारा सूचना मिली था कि एक रूसी नागरिक है, जो महावविहार के मेडिटेशन सेंटर आया. उसके पास ना तो पास्पोर्ट कॉपी है और ना ही वीजा. इसके बाद नालंदा थाना पुलिस द्वारा उसे 3 दिन में पासपोर्ट और वीजा उपलब्ध कराने को कहा गया. लेकिन तीन दिन बाद उपलब्ध नहीं कराया गया. इसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई हैं और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किया गया है.