लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोगियों के इलाज के लिए एक नई आशा जगी है. हाल ही में निर्मित विकिरण ऑन्कोलॉजी ब्लॉक में 9 अप्रैल 2024 को एक अत्याधुनिक ब्रैक्य थेरेपी (आंतरिक विकिरण) उपकरण का उपयोग करके एक कैंसर रोगी का पहला विकिरण उपचार किया गया. अब तक यह विभाग कैंसर रोगियों को ओपीडी और कीमोथेरेपी सेवाएं प्रदान करता रहा है.
उच्च खुराक दर ब्रैक्य थेरेपी उपकरण और प्रथम तल पर सीटी-सिम्युलेटर इकाई के साथ, एलएचएमसी अब कैंसर रोगियों को अत्याधुनिक विकिरण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा. आधुनिक विकिरण चिकित्सा तकनीकों के लिए कैंसर को लक्षित करने के लिए विकिरण योजना के दौरान ट्यूमर के साथ-साथ आसपास की संरचनाओं के बारे में सटीक जानकारी की आवश्यकता होती है. सीटी-सिम्युलेटर मशीन का उपयोग अत्यधिक अनुरूप विकिरण (कीमो रेडियेशन) चिकित्सा उपचार की छवि-आधारित योजना के लिए किया जाता है, जो ट्यूमर को लक्षित करने और सामान्य संरचनाओं को बचाने में मदद करता है.
20 चैनल वाला उच्च स्तर ब्रैक्य थेरेपी सिस्टम इरिडियम-192 रेडियोधर्मी स्रोत का उपयोग करके सर्वाइकल, गर्भाशय, प्रोस्टेट, स्तन और अन्य कैंसर से पीड़ित कैंसर रोगियों को आंतरिक विकिरण चिकित्सा प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाएगा. ब्रैक्य थेरेपी उपचार आसपास के सामान्य ऊतक (कोशिकाओं) को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में बहुत प्रभावी है.
लेडी हार्डिंग अस्पताल के डायरेक्टर सुभाष गिरी ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से लगाए गए नए उपकरण गरीब कैंसर रोगियों के लिए वरदान साबित होंगे, जो निजी अस्पतालों में विकिरण (कीमो रेडियेशन) चिकित्सा का खर्च नहीं उठा पाते हैं. सरकारी अस्पतालों में विकिरण चिकित्सा सुविधा वाले अस्पताल बहुत कम हैं और उनमें प्रतीक्षा समय बहुत लंबा होता है, उस दौरान अक्सर उनकी बीमारी बढ़ जाती है.
ये भी पढ़ें:-
अभद्र टिप्पणी मामले में रणदीप सुरजेवाला पर EC की कार्रवाई, दो दिन नहीं कर पाएंगे चुनाव प्रचार
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं