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This Article is From Apr 25, 2025

सिंधु जल संधि पर आज अमित शाह के घर बड़ी बैठक, कई केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल ; अब क्या होगा अगला एक्शन?

भारत सरकार ने पाकिस्तान को औपचारिक पत्र लिखकर 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने की सूचना दी है. सरकार का यह फैसला पाकिस्तान द्वारा संधि की शर्तों का उल्लंघन और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण लिया गया है.

सिंधु जल संधि पर आज अमित शाह के घर बड़ी बैठक, कई केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल ; अब क्या होगा अगला एक्शन?

सिंधु जल संधि पर महत्वपूर्ण बैठक आज गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर होने जा रही है, जिसमें जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री हिस्सा लेंगे. इस बीच, भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक पत्र लिखकर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की सूचना दे दी है. जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैय्यद अली मुर्तुजा को यह पत्र लिखा है.

भारत सरकार ने पाकिस्तान को औपचारिक पत्र लिखकर 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने की सूचना दी है. सरकार का यह फैसला पाकिस्तान द्वारा संधि की शर्तों का उल्लंघन और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण लिया गया है.

पत्र में लिखा गया है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार को संधि में बदलाव के लिए नोटिस दिया है. नोटिस में कहा गया है कि संधि की कई मूल बातों में बदलाव आ गया है और इस पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. जनसंख्या में बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा का विकास और संधि के अनुसार जल बंटवारे को लेकर कई आधारों में बदलाव हुआ है.

पत्र में लिखा गया है कि किसी भी संधि को सही भावना के साथ लागू करना चाहिए. लेकिन पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.  सुरक्षा को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण भारत संधि प्रदत्त अधिकारों का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पा रहा है. पाकिस्तान ने संधि की कई शर्तों को नहीं माना है और न ही भारत के साथ संधि के बारे में बातचीत के लिए तैयार हुआ है. इसलिए भारत सरकार ने फैसला किया है कि 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित किया जा रहा है.

सिंधु नदी समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों सतलुज, रावी और व्यास के पानी का पूरा अधिकार दिया गया था जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब का अधिकार दिया गया था. क्योंकि ये तीन नदियां भी भारत से होकर बहती हैं तो भारत कुछ शर्तों के साथ इनके पानी का इस्तेमाल पीने और सिंचाई के कामों में कर सकता है इसके अलावा रन ऑफ द रिवर बांध इन पर बना सकता है. सिंधु नदी समझौते के तहत पाकिस्तान को जिन तीन नदियों का पानी दिया गया उनका सालाना 135 (MAF)मिलियन एकड़ फीट पानी उसे मिलता है.

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