
भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बॉम्बे हाईकोर्ट से वरवर राव (Varavara Rao) की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर जल्द विचार करने के लिए कहा है. SC ने कहा कि उनकी जमानत याचिका पर 17 सितंबर से सुनवाई नहीं हुई है. इसके साथ की शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के CJ से अनुरोध किया है कि वह उचित पीठ के समक्ष अपील को सूचीबद्ध करे. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की चिकित्सा स्थिति किसी विशेष चरित्र और समय की ओर ध्यान देने की मांग करती है. यह मामला एक कैदी/दोषी/अभियुक्त के मानवाधिकारों के बारे में सवाल उठाता है.
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दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वरवर राव को कई बीमारियां है और उनको कोरोना होने के बाद तलोजा जेल से अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. इसके बाद फिर उनको वापस जेल भेज दिया गया है. वरवर की मेडिकल स्थिति देखते हुए जमानत दी जाए क्योंकि हाईकोर्ट में सितंबर के बाद सुनवाई नहीं हुई है.
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पी वरवर राव की पत्नी ने जमानत पर रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में उनकी पत्नी ने इस आधार पर तत्काल रिहाई की मांगी है कि उनकी लगातार हिरासत क्रूरता और अमानवीय व्यवहार होगी. इसके साथ ही भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन और उनकी गरिमा का उल्लंघन होगा.याचिका में कहा गया है कि वरवर को कई बीमारियां हैं और COVID-19 महामारी के समय उनको जेल में रखना ठीक नहीं है.
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