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This Article is From Sep 23, 2020

लेबर कोड पर सरकार के खिलाफ RSS? भारतीय मजदूर संघ ने कहा- जल्दबाजी में क्यों पारित कराया बिल?

केंद्र सरकार (Centre Govt) के लेबर रिफॉर्म एजेंडे को लेकर संघ परिवार में मतभेद उभरकर सामने आए हैं क्योंकि RSS से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने लोकसभा द्वारा पारित तीन लेबर कोड बिलों का विरोध किया है.

लेबर कोड पर सरकार के खिलाफ RSS? भारतीय मजदूर संघ ने कहा- जल्दबाजी में क्यों पारित कराया बिल?
संसद का मानसून सत्र समय से पहले खत्म होगा. (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
लेबर कोड बिल पर हुई तकरार
आमने-सामने BMS और केंद्र सरकार
'जल्दबाजी में क्यों पारित कराया बिल'
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार (Centre Govt) के लेबर रिफॉर्म एजेंडे को लेकर संघ परिवार में मतभेद उभरकर सामने आए हैं क्योंकि RSS से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने लोकसभा द्वारा पारित तीन लेबर कोड बिलों का विरोध किया है. BMS के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने कहा, 'जिस तरह से सरकार ने तीन लेबर कोड बिल पारित किए हैं, हम उसका विरोध करते हैं. सरकार ने लेबर कोड बिल जल्दबाजी में पारित कराएं, जो ठीक नहीं हैं. इस पर विस्तार से चर्चा नहीं हो पाई. सरकार ने हमारी महत्वपूर्ण मांगें नहीं मानी हैं. हमने मांग की थी कि सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था यूनिवर्सलाइज करनी चाहिए. यानी देश के हर मजदूर को सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था का फायदा मिलना चाहिए लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.'

उन्होंने आगे कहा, 'हमने सरकार से ये भी मांग की थी कि कोड ऑन ऑक्यूपेशनल सेफ्टी में जो सुरक्षा के प्रावधान हैं, वर्करों के लिए उसे भी यूनिवर्सलाइज किया जाए लेकिन जो बिल पारित हुआ है उसमें हजार्ड इंडस्ट्री में सुरक्षा सिर्फ उन मजदूरों को दी जाएगी, जो उन निकायों में काम करते हैं, जहां 10 या 10 से ज्यादा मजदूर काम करते हैं.' 

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पवन कुमार ने आगे कहा, 'इसको लेकर भारतीय मजदूर संघ का एक बड़ा विरोध सरकार के सामने है. हमारी इस बात पर कड़ी आपत्ति है कि सोशल सिक्योरिटी कोड बिल में ESIC और EPFO यानी भविष्य निधि से जुड़ी सुविधाएं देश के हर वर्कर को मिलनी चाहिए. सरकार ने हमारी इस मांग को बिल में शामिल नहीं किया है. भारतीय मजदूर संघ की 2 से 4 अक्टूबर के बीच 3 दिनों की एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें 3000 डेलिगेट्स भाग लेंगे. इस बैठक में हम इस मसले पर अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे.'

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बता दें कि कोरोना (Coronavirus) संकट की वजह से करीब पांच महीने बाद 14 सितंबर से संसद (Parliament Session) का मानसून सत्र (Monsoon Session) शुरू हुआ था. यह सत्र 18 दिनों का था. इसे 1 अक्टूबर को खत्म होना था लेकिन कोरोना काल में मुसीबतें कम नहीं हुईं, लिहाजा आज (बुधवार) मानसून सत्र खत्म हो सकता है. सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा सकता है. विपक्ष ने किसान बिलों (Farm Bills) को लेकर दोनों सदनों की कार्यवाही का बॉयकॉट किया है.

VIDEO: खबरों की खबर: लोकसभा ने तीन लेबर कोड बिल किए पारित

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